एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पर कानून मंत्री का बड़ा ऐलान: 8 दिसंबर को वकीलों के बीमा पर होगी अहम बैठक, संशोधन पर भी चर्चा

वकीलों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर केंद्र सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि विधि आयोग (Law Commission) बहुप्रतीक्षित ‘एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट’ (Advocates Protection Act) पर सक्रियता से काम कर रहा है। साथ ही, उन्होंने वकीलों के लिए बीमा (Insurance) की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 8 दिसंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की घोषणा की है।

सरकार का रोडमैप: सुरक्षा और संवाद

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए कानून मंत्री ने कानूनी बिरादरी को आश्वस्त किया कि सरकार सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह कार्यक्रम भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI Designate) बनने की कतार में शामिल जस्टिस सूर्यकांत के सम्मान में आयोजित किया गया था।

READ ALSO  पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सात जिलों के जजों के काम करने पर लगाई रोक- पढ़िए पूरी रिपोर्ट

मेघवाल ने कहा कि सरकार ‘एडवोकेट्स एक्ट’ में भी जरूरी संशोधन करने पर विचार कर रही है। पुराने विवादों का जिक्र करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि पहले जब सरकार ने बदलावों का मसौदा तैयार किया था, तो उसके लीक होने से काफी विरोध हुआ था।

कानून मंत्री ने भरोसा दिलाते हुए कहा: “मैंने कैबिनेट से एडवोकेट्स एक्ट में आगे के संशोधनों के बारे में बात की है। हम बार के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे ताकि सभी की सहमति से कदम उठाए जा सकें।”

क्यों जरूरी है एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट?

प्रस्तावित एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट वकीलों के लिए एक ढाल की तरह काम करेगा। 2021 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा समर्थित इस बिल का मुख्य उद्देश्य वकीलों को उनके पेशेवर कर्तव्यों का पालन करते समय हिंसा, धमकी और उत्पीड़न से बचाना है।

READ ALSO  क्या 'काजी' तलाक़ का आदेश पारित कर सकता है? जानिए हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

इस कानून के मुख्य संभावित प्रावधान:

  • वकीलों के खिलाफ हिंसा को प्रतिबंधित करना।
  • दोषियों के लिए कड़े दंड का प्रावधान।
  • धमकी मिलने पर वकीलों को पुलिस सुरक्षा मुहैया कराना।

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने 2023 में ही एक समान कानून पारित कर मिसाल पेश की है, जिसमें वकीलों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं।

“चिमनी की रोशनी में पढ़ना…” – जस्टिस सूर्यकांत का प्रेरणादायक सफर

नीतिगत मुद्दों के अलावा, कानून मंत्री ने अपने संबोधन में जस्टिस सूर्यकांत के जीवन संघर्षों को भावुकता से याद किया। उन्होंने बताया कि कैसे हरियाणा के छोटे से गांव ‘पेटवाड़’ का एक लड़का, जिसने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और छठी कक्षा में जाकर अंग्रेजी सीखना शुरू किया, आज देश की न्यायपालिका के शिखर की ओर बढ़ रहा है।

READ ALSO  एनडीपीएस मामलों में जमानत नहीं दी जानी चाहिए अगर आरोपी के पास संलिप्तता या जब्ती का संकेत हो: मेघालय हाईकोर्ट

मेघवाल ने उस दौर का भी जिक्र किया जब एक वरिष्ठ वकील ने जस्टिस सूर्यकांत की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपने साथ अपनी कार में चंडीगढ़ लेकर गए, ताकि वे वकालत के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। परिवार के विरोध के बावजूद कानून की पढ़ाई करने वाले जस्टिस सूर्यकांत के जज्बे को सलाम करते हुए मंत्री ने उनके लिए खास पंक्तियां भी पढ़ीं:

“चिमनी की रोशनी में पढ़ना, फिर भी लगातार आगे बढ़ना, ये इनकी जिंदगी है।”

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles