इंदौर की एक विशेष अदालत ने पंचायत कर्मचारी और उसकी पत्नी की ₹71.74 लाख मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। ये संपत्तियाँ 11 वर्ष पहले लोकायुक्त पुलिस की छापेमारी में उजागर हुई थीं।
विशेष न्यायाधीश अभिषेक गोयल ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए हनीफ खान और उनकी पत्नी सबीना खान की संपत्तियों को मध्य प्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम, 2011 के तहत तत्काल अलीराजपुर जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने का निर्देश दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि भ्रष्टाचार समाज और प्रशासन को प्रभावित करता है और अवैध संपत्ति का अर्जन निंदनीय है। अदालत ने टिप्पणी की, “भ्रष्टाचार समाज और प्रशासन को प्रभावित करता है। ऐसी अवैध संपत्तियों का अर्जन निंदनीय है।”
लोकायुक्त पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, 2014 में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद हनीफ खान के ठिकानों पर छापे मारे गए थे, जिनमें उनकी वैध आय से अधिक संपत्तियाँ पाई गईं। उस समय खान अलीराजपुर जिले के बादीबेकल गांव में पंचायत सचिव के पद पर तैनात थे।
इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने हनीफ खान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।




