नाबालिग यौन उत्पीड़न मामले की एफआईआर साझा करने के आरोप में प्रवीण शंकर कपूर पर चल रही कार्यवाही दिल्ली हाईकोर्ट ने रोकी

 दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। कपूर पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग से जुड़े यौन उत्पीड़न मामले की एफआईआर सोशल मीडिया पर साझा की थी।

न्यायमूर्ति रवींद्र दुदेजा ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगी। इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च 2026 को होगी। हाईकोर्ट कपूर की उस याचिका पर विचार कर रहा है जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों को चुनौती दी है।

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जून 2021 में यह मामला सामने आया था, जब एक 42 वर्षीय महिला को नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न और धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसी रात Kapoor ने कथित रूप से सोशल मीडिया पर एफआईआर की प्रति और आरोपी महिला की तस्वीरें साझा की थीं। इसके बाद उन्हें पॉक्सो कानून की धारा 23 के तहत बुक किया गया, जो नाबालिग पीड़ित की पहचान या उससे जुड़े विवरण सार्वजनिक करने पर रोक लगाती है। इस धारा के तहत अधिकतम एक वर्ष की सजा का प्रावधान है।

हाल ही में ट्रायल कोर्ट ने कपूर पर इसी प्रावधान के तहत आरोप तय किए थे।

हाईकोर्ट में कपूर के वकील ने तर्क दिया कि जो स्क्रीनशॉट उन्होंने शेयर किए थे, वे इतने अस्पष्ट और धुंधले थे कि उनमें एफआईआर की सामग्री या पीड़िता का नाम पढ़ना संभव ही नहीं था। उनका कहना था कि ट्वीट देखने वाला कोई भी व्यक्ति न तो स्क्रीनशॉट से कोई विवरण समझ सकता था और न ही नाबालिग की पहचान का अनुमान लगा सकता था।

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हाईकोर्ट अब ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोप तय किए जाने की वैधता की जांच करेगा। अगली सुनवाई मार्च 2026 में होगी।

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