झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार की प्रशासनिक बदहाली पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को वहां एक नियमित जेल अधीक्षक की तत्काल नियुक्ति करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश तर्लोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने यह आदेश उस स्वत: संज्ञान जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के आधार पर शुरू की गई थी। वीडियो में दो अंडरट्रायल बंदियों को जेल परिसर के एक हॉल के भीतर “नाचते” हुए देखा गया था। दोनों बंदी शराब घोटाले से जुड़े मामलों में हिरासत में हैं।
अदालत ने जेल में सुरक्षा चूक पर कड़ा रुख दिखाते हुए राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मोबाइल फोन, चार्जर, नशीले पदार्थ और किसी भी तरह के मादक पदार्थ जेल परिसर में प्रवेश न कर सकें।
बेहतर निगरानी के लिए अदालत ने जिला प्रशासन और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) के अधिकारियों को जेल के भीतर अनियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
अदालत को यह भी बताया गया कि वीडियो सामने आने के तुरंत बाद कार्रवाई की गई थी। 12 नवंबर को IG (प्रिज़न्स) सुधर्शन मंडल ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के सहायक जेलर देवनाथ राम और वार्डर बिनोद यादव को कर्तव्य में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया था।
मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को होगी।




