दिल्ली हाईकोर्ट ने DGCA की कथित अवमानना पर सबूत मांगे, पायलट ड्यूटी टाइम नियमों के पूर्ण पालन पर उठे सवाल

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) से यह स्पष्ट रूप से बताने को कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने के मामले में अदालत के आदेश की किस प्रकार जानबूझकर अवहेलना की है।

यह सवाल उस समय उठा जब FIP के वकील ने दलील दी कि DGCA ने अप्रैल में यह आश्वासन दिया था कि नए थकान-रोधी नियमों को 1 जुलाई से 1 नवंबर तक चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद DGCA कई एयरलाइनों — जिनमें एयर इंडिया और स्पाइसजेट शामिल हैं — को इन नियमों से हटकर संचालन की अनुमति दे रहा है।

जस्टिस अमित शर्मा ने कहा कि अवमानना याचिका चलाने के लिए जानबूझकर अवहेलना का स्पष्ट सबूत आवश्यक है। उन्होंने पूछा, “मैं समझ सकता हूं यदि मामला भेदभाव या अनुचितता का हो। लेकिन आज आप अदालत से अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। मैं दोबारा पूछ रहा हूं — जानबूझकर अवहेलना कहां है? आदेश तो यही था कि तय समयसीमा का पालन किया जाए।”

DGCA के वकील ने अदालत को बताया कि नियामक को नियमों में सीमित छूट देने का वैधानिक अधिकार है, और हाल में दी गई रियायतें केवल छह महीने के लिए हैं, जिन्हें समीक्षा के अधीन रखा गया है।

READ ALSO  आरजी कर मेडिकल कॉलेज डॉक्टर रेप-मर्डर केस: दोषमुक्ति की याचिका पर 16 जुलाई को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाईकोर्ट

वहीं FIP का कहना है कि DGCA ने पहले ही कई एयरलाइनों, खासकर एयर इंडिया, को ढील देना शुरू कर दिया है— जैसे कि अधिक नाइट लैंडिंग की अनुमति और दो-पायलट बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ानों के लिए ड्यूटी समय बढ़ाने की छूट। संघ का आरोप है कि इस प्रक्रिया में व्यावसायिक हितों को सुरक्षा से ऊपर रखा जा रहा है।

अदालत ने FIP को पहले के आदेश पेश करने के लिए समय दिया है, ताकि वह अपनी अवमानना याचिका को ठोस आधार दे सके। अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

READ ALSO  राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत 29 अगस्त तक बढ़ाई, स्वास्थ्य हालत गंभीर

इस वर्ष DGCA ने हाईकोर्ट को बताया था कि पायलटों की थकान कम करने और आराम की अवधि बढ़ाने के उद्देश्य से बनाए गए नए FDTL नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। 2024 के संशोधित सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) में शामिल 22 प्रावधानों में से 15 प्रावधान 1 जुलाई से लागू हुए, जबकि शेष प्रावधान 1 नवंबर से प्रभावी होने थे।

ये नए नियम पहले 1 जून 2024 से लागू होने वाले थे, लेकिन एयरलाइनों ने परिचालन संबंधी कठिनाइयों का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय की मांग की थी।

READ ALSO  ब्रेकिंग: नन रेप मामले में बिशप फ्रैंको बरी

यह विवाद भारतीय कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन, इंडियन पायलट्स गिल्ड और FIP की उन याचिकाओं से जुड़ा है, जिनमें अदालत से आग्रह किया गया है कि सुरक्षा से जुड़े इन नियमों को किसी भी प्रकार की रियायत से कमज़ोर न होने दिया जाए।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles