लगभग 3,700 करोड़ रुपये के साइबर धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी अनुभव मित्तल के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद मित्तल पर इस बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को धमकी भरा ईमेल भेजने का आरोप है। इस मामले में एक पुलिस सिपाही को भी आरोपी बनाया गया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह नई एफआईआर शुक्रवार को अनुभव मित्तल और सिपाही अजय कुमार (पुलिस लाइंस में तैनात) के खिलाफ दर्ज की गई। दोनों पर आपराधिक धमकी देने और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
मामला तब सामने आया जब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के एक जज को एक ईमेल मिला, जिसमें चेतावनी दी गई थी कि “जज की हत्या होने वाली है।” इसके बाद साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि यह ईमेल सिपाही अजय कुमार के फोन से भेजा गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सिपाही अजय कुमार 4 नवंबर को अदालत में सुनवाई के दौरान अनुभव मित्तल के साथ गया था।
पुलिस की जांच के आधार पर, सिपाही कुमार ने कहा कि मित्तल ने 4 नवंबर को अपना केस स्टेटस चेक करने के बहाने उसका फोन उधार लिया था। आरोप है कि इसी दौरान मित्तल ने गुप्त रूप से एक नई ईमेल आईडी बनाई और अगले दिन (5 नवंबर) सुबह धमकी भरा संदेश अपने आप भेजने के लिए एक टाइमर सेट कर दिया।
पुलिस ने यह भी कहा कि मित्तल ने यह पूरी साजिश कथित तौर पर जेल में बंद एक अन्य कैदी आनंदेश्वर अग्रहरि को फंसाने के लिए रची थी, जिससे उसकी “निजी दुश्मनी” थी। अग्रहरि दिसंबर 2023 से एक हत्या के मामले में जेल में है।
उल्लेखनीय है कि अनुभव मित्तल को 2017 में एक स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार किया था। उस पर एक फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कीम के जरिए करीब सात लाख निवेशकों से 3,700 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है। मित्तल के खिलाफ इस घोटाले के संबंध में पहले से ही 324 आपराधिक मामले चल रहे हैं। उसकी पत्नी आयुषी और पिता सुनील मित्तल भी इस मामले में सह-आरोपी हैं और न्यायिक हिरासत में हैं।




