इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से जुड़ी याचिकाओं की अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख तय की है।
न्यायमूर्ति अवनीश सक्सेना ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उन मामलों में, जिनमें अभी तक लिखित बयान दाखिल नहीं किए गए हैं, ऐसा करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया।
यह विवाद 18 वादों से जुड़ा है, जो हिंदू पक्ष की ओर से दायर किए गए हैं। इन वादों में शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाकर भूमि के स्वामित्व, मंदिर के पुनर्निर्माण और स्थायी निषेधाज्ञा (permanent injunction) की मांग की गई है।
इससे पहले, 1 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर उन आवेदनों को खारिज कर दिया था, जिनमें हिंदू पक्ष की याचिकाओं की ग्राह्यता (maintainability) को चुनौती दी गई थी। उस आदेश में अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि ये वाद सीमाबद्धता अधिनियम (Limitation Act), वक्फ अधिनियम (Waqf Act) और पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं। उक्त अधिनियम 15 अगस्त 1947 को अस्तित्व में रहे धार्मिक स्थलों के स्वरूप में परिवर्तन पर रोक लगाता है।
यह विवाद मुगल सम्राट औरंगज़ेब के काल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है। हिंदू पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बने प्राचीन मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी।
अब यह मामला 12 दिसंबर को हाईकोर्ट में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।




