कर्नाटक सरकार आरएसएस की चिक्कपूर में पथसंचलन रैली के प्रस्ताव पर करेगी सकारात्मक विचार: हाईकोर्ट ने कहा- बैठक रही ‘सार्थक और रचनात्मक’

कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट को बताया कि वह कलबुर्गी के चिक्कपूर शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा प्रस्तावित पथसंचलन रैली के आयोजन पर “सकारात्मक रूप से विचार” करेगी।

यह आश्वासन न्यायमूर्ति एम. जी. एस. कमल के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें अदालत ने इससे पहले आरएसएस संयोजक और जिला प्रशासन के बीच बातचीत से समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।

चिक्कपूर प्रशासन ने 19 अक्टूबर को आरएसएस की पथसंचलन रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अधिकारियों ने यह कहते हुए अनुमति रोकी कि इलाके में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है। तहसीलदार ने अपने आदेश में कहा था कि भीम आर्मी सहित कुछ अन्य संगठनों ने भी उसी दिन और उसी मार्ग पर रैली निकालने की इच्छा जताई है।

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इसके बाद आरएसएस संयोजक अशोक पाटिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 19 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अदालत ने उन्हें नई अनुमति अर्जी दाखिल करने को कहा और राज्य प्रशासन को निर्देश दिया कि वह उस पर विचार करे और रिपोर्ट अदालत में दे।

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24 अक्टूबर को अदालत ने राज्य को “शांति समिति बैठक” आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि सभी पक्षों के बीच सहमति बन सके। हालांकि 28 अक्टूबर को कलबुर्गी में हुई पहली बैठक बेनतीजा रही।

इसके बाद अदालत ने 30 अक्टूबर को आदेश दिया कि दूसरी बैठक 5 नवंबर को एडवोकेट जनरल के कार्यालय में हो, जिसमें आरएसएस पक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम और एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी शामिल हों।

5 नवंबर की बैठक के बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम ने अदालत को बताया कि बैठक “बहुत अच्छी” रही और सभी पक्षों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने कहा, “हमने प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया और चर्चाएँ रचनात्मक रहीं।”

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एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि राज्यभर में ऐसी 11 अन्य रैलियों के लिए भी आवेदन लंबित हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों पर “एक बार की विशेष अनुमति” दी जाएगी, लेकिन इसे भविष्य के लिए नजीर नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सभी को एक बार की अनुमति देंगे, लेकिन इसे मिसाल नहीं बनाया जाएगा,” और इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।

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अदालत ने राज्य के इस आश्वासन और बैठक के परिणाम को “सार्थक और सकारात्मक” बताते हुए रिकॉर्ड पर लिया। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तावित तारीखें — 13 और 16 नवंबर — राज्य सरकार द्वारा अनुकूल रूप से विचाराधीन हैं और इस संबंध में निर्णय शीघ्र ही सूचित किया जाएगा।

मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

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