दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह अभिनेता सेलिना जेटली के भाई मेजर (सेवानिवृत्त) विक्रांत कुमार जेटली, जो पिछले एक वर्ष से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हिरासत में हैं, को प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व और पारिवारिक संपर्क सुनिश्चित करे।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ ने यह आदेश सेलिना जेटली द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया और विदेश मंत्रालय (MEA) से 4 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंत्रालय एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जेटली के भाई की कानूनी स्थिति, स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़ी मूलभूत जानकारी प्राप्त नहीं कर सका है।
याचिका के अनुसार, मेजर (सेवानिवृत्त) विक्रांत कुमार जेटली 2016 से यूएई में रह रहे हैं और MATITI ग्रुप में कार्यरत थे, जो ट्रेडिंग, कंसल्टेंसी और रिस्क मैनेजमेंट सेवाओं से जुड़ा संगठन है। याचिका में दावा किया गया कि उन्हें 6 सितम्बर 2024 को “अवैध रूप से अपहरण कर हिरासत में लिया गया” और अब तक परिवार को उनकी स्थिति या उन पर चल रही कार्यवाही के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि भारतीय दूतावास ने हिरासत में लिए गए व्यक्ति को वाणिज्यिक पहुंच (consular access) प्रदान कर दी है। इस पर सेलिना जेटली की ओर से कहा गया कि इसके बावजूद परिवार उनसे किसी भी माध्यम से संपर्क नहीं कर पा रहा है।
इस पर अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह सेलिना जेटली, उनके भाई और उनकी पत्नी के बीच संपर्क की व्यवस्था करे और एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे जो परिवार को नियमित रूप से हिरासत और कानूनी प्रक्रिया की स्थिति से अवगत कराए।
अदालत ने कहा, “प्रतिवादी एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा जो याचिकाकर्ता और परिवार के अन्य सदस्यों को हिरासत में लिए गए व्यक्ति की स्थिति तथा कानूनी कार्यवाही की जानकारी देगा। उक्त अधिकारी समय-समय पर परिवार को नियमित अपडेट भी उपलब्ध कराए।”
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की है, जब केंद्र सरकार से यह अपेक्षा की जाएगी कि वह उठाए गए कदमों का विस्तृत विवरण अदालत के समक्ष पेश करे।




