दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की उस अधिसूचना पर गंभीर चिंता जताई जिसमें परीक्षार्थियों को पहले से सम्पन्न परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों पर सोशल मीडिया पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार करने से प्रतिबंधित किया गया है। अदालत ने कहा कि आयोग इस तरह का “गैग ऑर्डर” लागू नहीं कर सकता।
मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने विकास कुमार मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और एसएससी को नोटिस जारी किया और उन्हें 17 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। एसएससी के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा था।
सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की,

“एग्जाम हॉल से निकलने के बाद सबसे पहले हम यही करते थे… यह क्या है? अधिसूचना में इस तरह कैसे मना किया जा सकता है? कृपया, मुझे समझ नहीं आ रहा… आप ऐसा गैग ऑर्डर नहीं लगा सकते।”
पीठ ने आगे कहा,
“यह क्या है? आप प्रश्नपत्रों पर चर्चा नहीं कर सकते? प्रतिवादियों को नोटिस जारी करें। 17 दिसंबर को सूचीबद्ध करें।”
मिश्रा ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि एसएससी की अधिसूचना गैरकानूनी, मनमानी और विकृत है और संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है।
“उक्त अधिसूचना स्थापित विधिक सिद्धांतों के विपरीत पारित की गई है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। इसके अलावा, यह अधिसूचना प्रतिवादी संख्या 2 (एसएससी) द्वारा आयोजित की गई परीक्षाओं के संबंध में चर्चा पर अनुचित प्रतिबंध लगाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का सीधा उल्लंघन करती है,” याचिका में कहा गया।
याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वह अधिसूचना को निरस्त करे क्योंकि यह परीक्षार्थियों और जनता के अधिकारों पर अनुचित अंकुश लगाती है।
इस बीच, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने अपना आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट लॉन्च करने की घोषणा की है। आयोग ने उम्मीदवारों से अपील की है कि वे समय पर परीक्षा और भर्ती से संबंधित अपडेट पाने के लिए केवल @SSC_GoI को ही फॉलो करें।
आधिकारिक नोटिस में कहा गया,
“यह सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) अब X (पूर्व में ट्विटर) पर सक्रिय है। परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी समय पर घोषणाएं, अपडेट और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पाने के लिए आप हमारे आधिकारिक X हैंडल: @SSC_GoI को फॉलो कर सकते हैं।”
एसएससी ने अभ्यर्थियों को फर्जी या मिलते-जुलते हैंडल से सावधान रहने की सलाह दी है और केवल आधिकारिक अकाउंट से मिली जानकारी पर ही भरोसा करने को कहा है।
अगली सुनवाई: 17 दिसंबर 2025
केंद्र और एसएससी के जवाब दाखिल करने के बाद अदालत मामले पर आगे विचार करेगी।