जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी, गीतेनजलि अंगमो ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत की गई गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने एक हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल कर वांगचुक की तुरंत रिहाई की मांग की है और गिरफ्तारी को गैरकानूनी व प्रक्रिया का उल्लंघन बताया है।
हिरासत आदेश की प्रति न मिलने और संपर्क न हो पाने का आरोप
अंगमो ने कहा है कि 26 सितंबर को गिरफ्तारी के बाद से उनका अपने पति से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक उन्हें हिरासत आदेश की प्रति नहीं दी गई है, जो NSA के तहत निर्धारित प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लंघन है।
“मुझे अभी तक उनके हिरासत आदेश की प्रति नहीं मिली है। यह नियमों का उल्लंघन है। गिरफ्तारी के बाद से मेरा अपने पति से कोई संपर्क नहीं हुआ,” अंगमो ने कहा।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि गिरफ्तारी न केवल कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि वांगचुक के मौलिक अधिकारों का भी हनन है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप कर तत्काल राहत देने की अपील की है।

गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
वांगचुक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसक झड़पों के दो दिन बाद। ये झड़पें राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की थीं, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए।
प्रशासन ने वांगचुक पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने और एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी (PIO) से कथित संपर्क रखने के आरोप लगाए हैं। फिलहाल उन्हें जोधपुर जेल में रखा गया है।
राष्ट्रपति को पत्र और ‘विचहंट’ का आरोप
बुधवार को अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को तीन पन्नों का पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति को क्षेत्र में किए जा रहे उनके काम के कारण निशाना बनाया जा रहा है।
“हम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं — एक ऐसे व्यक्ति की, जो किसी के लिए खतरा नहीं हो सकता, अपने देश के लिए तो बिल्कुल भी नहीं,” उन्होंने लिखा। उन्होंने कार्रवाई को “विचहंट” करार दिया।
HIAL पर दबाव और निगरानी का दावा
अंगमो, जो हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) की संस्थापक और CEO हैं, ने कहा कि वे वर्तमान में सीआरपीएफ की निगरानी में हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक विशेष जांच दल ने HIAL के विद्यार्थियों और स्टाफ के विवरण मांगे हैं और तीन दिन पहले संस्थान के दो सदस्यों को हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तारी के बाद थाना प्रभारी ने उन्हें बताया था कि उनके कानूनी अधिकार समझाए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।