इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संबल जामा मस्जिद के मौलाना के खिलाफ दर्ज उस एफआईआर की आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है, जिसमें उन पर जमानत मिलने के बाद निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अब्दुल शाहिद की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश गुरुवार को ज़फ़र अली और तीन अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। अदालत ने स्पष्ट किया कि मौजूदा एफआईआर में आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी, हालांकि पुलिस कानून के अनुसार जांच जारी रख सकती है और उचित शिकायत दायर कर सकती है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि यह मामला गैर-संज्ञेय अपराध का है और इस पर एफआईआर दर्ज नहीं होनी चाहिए थी।

गौरतलब है कि 24 नवंबर 2024 को संबल जामा मस्जिद में न्यायालय-निर्देशित सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद उप-निरीक्षक दीपक राठी ने कोतवाली थाने में दंगा और भड़काने समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी।
ज़फ़र अली को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई। अधिकारियों का आरोप है कि जमानत पर रिहा होने के बाद एक कार रैली का आयोजन किया गया, जिससे निषेधाज्ञा का उल्लंघन हुआ। इसके चलते 8 अगस्त 2025 को उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 223(ए) के तहत नया मामला दर्ज किया गया।
हाईकोर्ट का यह आदेश याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करता है, साथ ही पुलिस को कानूनन उचित कार्रवाई करने की छूट भी देता है।