सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने एक परिपत्र जारी कर उच्च सुरक्षा क्षेत्र (High Security Zone) के भीतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी को प्रतिबंधित कर दिया है। यह दिशा-निर्देश 10 सितम्बर 2025 से तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
मुख्य प्रतिबंध
- फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर रोक: उच्च सुरक्षा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं होगी, सिवाय आधिकारिक उपयोग के।
- मीडिया इंटरव्यू का स्थान तय: मीडिया प्रतिनिधि केवल लो सिक्योरिटी ज़ोन के लॉन में ही इंटरव्यू और लाइव प्रसारण कर सकेंगे।
- मोबाइल से रिकॉर्डिंग वर्जित: उच्च सुरक्षा क्षेत्र के लॉन में मोबाइल फोन से फोटो खींचना या वीडियो बनाना प्रतिबंधित रहेगा।
- उपकरणों पर पाबंदी: कैमरा, ट्राइपॉड, सेल्फ़ी-स्टिक और ऐसे अन्य उपकरण, जिनका उपयोग फोटो, वीडियो, रील बनाने या रिकॉर्डिंग के लिए होता है, उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेंगे, सिवाय आधिकारिक उपयोग के।
उल्लंघन पर कार्रवाई
- वकील, वादकारी, इंटर्न और लॉ क्लर्क: संबंधित बार एसोसिएशन या राज्य बार काउंसिल उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अपने नियमों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।
- मीडिया प्रतिनिधि: नियम तोड़ने पर एक महीने तक उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश पर रोक लग सकती है।
- रजिस्ट्री कर्मचारी: किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी कर्मचारी के विभागाध्यक्ष से अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अनुरोध किया जाएगा।
सुरक्षा कर्मियों के अधिकार
परिपत्र के अनुसार, सुरक्षा कर्मियों को यह अधिकार होगा कि वे किसी भी व्यक्ति, चाहे वह कर्मचारी हो, अधिवक्ता हो या कोई अन्य, को उच्च सुरक्षा क्षेत्र में फोटो या वीडियो बनाने से रोक सकें।
यह कदम सर्वोच्च न्यायालय परिसर की मर्यादा, गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
