सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट जजों को पटना, मेघालय और मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। वेबसाइट पर जारी प्रस्ताव के अनुसार, कॉलेजियम ने वर्तमान में पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी. बी. बजंथरी को स्थायी मुख्य न्यायाधीश बनाने की अनुशंसा की है। इसके अलावा, कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सौमेन सेन को मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एम. सुंदर को मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।
सिफारिशों का पृष्ठभूमि
ये सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में की गईं, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश और शीर्ष चार वरिष्ठतम जज शामिल थे। कॉलेजियम नियुक्तियों से पहले न्यायाधीशों की योग्यता, ईमानदारी और वरिष्ठता का आकलन करता है और फिर इन सिफारिशों को केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय को भेजता है।
कॉलेजियम के प्रस्ताव
1. जस्टिस पी. बी. बजंथरी – पटना हाईकोर्ट
कॉलेजियम ने जस्टिस पी. बी. बजंथरी को पटना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। उनका मूल हाईकोर्ट कर्नाटक हाईकोर्ट है। फिलहाल वे पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश का पद लंबे समय से रिक्त था और जस्टिस बजंथरी को कार्यवाहक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनके प्रदर्शन और उपयुक्तता का मूल्यांकन करने के बाद कॉलेजियम ने उन्हें स्थायी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का निर्णय लिया। प्रस्ताव में कहा गया कि वे “हर दृष्टि से उपयुक्त और योग्य हैं।”

2. जस्टिस सौमेन सेन – मेघालय हाईकोर्ट
कोलकाता हाईकोर्ट के वरिष्ठ पुनीन जज जस्टिस सौमेन सेन को मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है। यह पद पूर्व मुख्य न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने के बाद रिक्त हुआ था। जस्टिस सेन अप्रैल 2011 में कोलकाता हाईकोर्ट के जज बने थे और तब से उन्होंने व्यापक अनुभव प्राप्त किया है। कॉलेजियम ने उन्हें “हर दृष्टि से उपयुक्त और योग्य” माना।
3. जस्टिस एम. सुंदर – मणिपुर हाईकोर्ट
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एम. सुंदर को मणिपुर हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। यह पद वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने पर रिक्त होगा। जस्टिस सुंदर जून 2016 में मद्रास हाईकोर्ट के जज बने थे। प्रस्ताव में उनकी पेशेवर क्षमता और ईमानदारी की सराहना की गई है और उन्हें “हर दृष्टि से उपयुक्त और योग्य” बताया गया है।
आगे की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशें औपचारिक रूप से केंद्र सरकार को भेज दी गई हैं। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय इन सिफारिशों पर विचार कर राष्ट्रपति के समक्ष भेजेगा, जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति वारंट जारी कर औपचारिक नियुक्ति की जाएगी।