कटक में होने वाले आगामी त्योहारों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ओडिशा हाईकोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

ओडिशा हाईकोर्ट ने कहा कि “उत्सव मनाने के लिए जनसुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता” और कटक में गणेश पूजा (27 अगस्त) से शुरू होने वाले आगामी त्योहारों को सुरक्षित एवं सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए कई निर्देश जारी किए।

न्यायालय की स्वतः संज्ञान कार्रवाई

न्यायमूर्ति एस.के. साहू और न्यायमूर्ति वी. नारसिंह की खंडपीठ ने त्योहारों के दौरान बार-बार होने वाली नागरिक अव्यवस्थाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए विस्तृत आदेश दिए। पीठ ने पिछले वर्ष बादामबाड़ी क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक गेट गिरने की घटना का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी कि अवैध पंडाल, असुरक्षित बांस ढांचे और सड़कों पर बने सजावटी आर्च जनता के लिए गंभीर खतरा हैं।

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प्रशासन को निर्देश

हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि:

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  • सड़क व फुटपाथ पर पंडाल और बांस के ढांचे न खड़े किए जाएं।
  • इलेक्ट्रॉनिक स्वागत द्वार लगाने से पहले अनुमति और सुरक्षा जांच अनिवार्य हो।
  • खस्ताहाल सड़कों और गड्ढों के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो।

अधिकारियों को हलफनामा दाखिल कर यह भी बताने को कहा गया कि यातायात नियंत्रण, ध्वनि व वायु प्रदूषण, अग्नि सुरक्षा, पेयजल आपूर्ति और बंद स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत जैसे मुद्दों पर क्या कदम उठाए गए हैं।

जनसुरक्षा व स्वास्थ्य उपाय

त्योहारों के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया कि:

  • मिलावटी स्ट्रीट फूड बेचने वालों पर कार्रवाई हो।
  • सफाई दलों की तैनाती कर कचरा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समयसीमा तय की जाए और देर रात के शोर पर रोक लगे।
  • पुलिस गश्त और निगरानी बढ़ाई जाए।
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पूजा समितियों की जिम्मेदारी

हाईकोर्ट ने पूजा समितियों को निर्देश दिया कि वे:

  • अग्नि सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को प्राथमिकता दें।
  • विसर्जन प्रक्रिया अनुशासित ढंग से करें।
  • सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाएं।
  • पर्यावरण अनुकूल तरीके अपनाएं।

पीठ ने जबरन चंदा वसूली पर शून्य सहिष्णुता बरतने पर भी जोर दिया।

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