मेरठ बार एसोसिएशन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 1346 अधिवक्ताओं की सदस्यता समाप्त कर दी है। यह निर्णय उन अधिवक्ताओं पर लागू हुआ है जिन्होंने दिसंबर 2022 के बाद से बार का सदस्यता शुल्क जमा नहीं किया था। यह निर्णय सोमवार को सुभाष चंद्र बोस सभागार में हुई आपात बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता बार अध्यक्ष संजय शर्मा ने की और संचालन महामंत्री राजेंद्र सिंह राणा द्वारा किया गया।
एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि इन अधिवक्ताओं की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जा रही है। इसके साथ ही लगभग 1500 अन्य अधिवक्ताओं को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने मार्च 2025 तक का बकाया शुल्क 15 जुलाई 2025 तक जमा नहीं किया, तो उनके नाम भी सदस्यता सूची से हटा दिए जाएंगे।
बार एसोसिएशन ने सदस्यता शुल्क में भी वृद्धि की घोषणा की है। अब न्यूनतम वार्षिक शुल्क ₹1500 निर्धारित किया गया है। नई शुल्क संरचना इस प्रकार है:

- 30 वर्ष से कम आयु के अधिवक्ताओं के लिए शुल्क ₹1500 (पहले ₹1100)
- 30 से 50 वर्ष की आयु वाले अधिवक्ताओं के लिए शुल्क ₹5100 (पहले ₹2150)
- 50 वर्ष से अधिक आयु वाले अधिवक्ताओं के लिए प्रवेश शुल्क ₹11000 (पहले ₹12200 था जो आजीवन सदस्यता के लिए था)
इसके अतिरिक्त, 4 जुलाई को मेरठ बार और जिला बार के साथ मेरठ सेंट्रल बार एसोसिएशन के संयुक्त प्रस्ताव की भी बैठक में पुष्टि की गई।