सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा: समीर वानखेड़े के खिलाफ घूसखोरी जांच तीन महीने में पूरी करेंगे

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि वह भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ चल रही घूसखोरी जांच तीन महीने के भीतर पूरी कर लेगा। यह बयान अदालत द्वारा मामले में लगातार देरी पर तीखी टिप्पणी के बाद आया।

वानखेड़े, जो नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे, अक्टूबर 2021 में कॉर्डेलिया क्रूज़ ड्रग्स मामले के बाद विवादों में आए, जिसमें अभिनेता शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि तीन सप्ताह बाद अदालत ने सबूतों के अभाव में आर्यन को ज़मानत दे दी, लेकिन जल्द ही आरोप लगे कि वानखेड़े ने ख़ान परिवार से ₹25 करोड़ की वसूली की कोशिश की थी ताकि आर्यन को मामले से बाहर रखा जा सके।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य के मूल्यांकन के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए; बलात्कार-हत्या मामले में दोषसिद्धि को बरकरार रखा

एनसीबी की एक विशेष जांच टीम की आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने 11 मई 2022 को वानखेड़े के खिलाफ आपराधिक साज़िश, रंगदारी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की।

Video thumbnail

वानखेड़े ने मई 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और किसी भी जबरन कार्रवाई से अंतरिम राहत प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की। उन्होंने दलील दी कि एनसीबी के पास भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत उनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर disproportionate assets (अवैध संपत्ति) का कोई आरोप नहीं है, जो इस अधिनियम की धारा 17 के तहत आवश्यक तत्व है।

READ ALSO  उत्परिवर्तन (Mutation) प्रविष्टियाँ स्वयं में कोई हक़ नहीं देती- सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

मंगलवार को न्यायमूर्ति रविंद्र वी. घुगे और एम.एम. साठये की खंडपीठ ने जांच की धीमी गति पर असंतोष जताते हुए सीबीआई से तीखे सवाल किए: “आप कितने वर्षों में जांच पूरी करना चाहते हैं – 10 साल, 20 साल?”

वानखेड़े की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने बताया कि जांच में देरी उनके मुवक्किल के करियर और पदोन्नति को प्रभावित कर रही है। जब सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने निर्देश प्राप्त करने के लिए और समय मांगा, तो अदालत ने कहा कि इस तरह की मांगें अब सामान्य हो गई हैं और स्वीकार्य नहीं हैं।

READ ALSO  केरल हाई कोर्ट ने सीएम विजयन, उनकी बेटी, UDF नेताओं को उनकी आईटी फर्म के 'लेन-देन' पर नोटिस जारी किया

इसके बाद सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि वह तीन महीने के भीतर जांच पूरी कर लेगी।

अदालत ने इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए वानखेड़े की याचिका को स्वीकार किया और उन्हें दी गई अंतरिम सुरक्षा को आगे बढ़ा दिया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि याचिका लंबित रहने के दौरान यदि सीबीआई आरोपपत्र दाखिल करना चाहती है, तो उसे पहले अदालत से अनुमति लेनी होगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles