कलकत्ता हाईकोर्ट ने बर्खास्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की राहत योजना पर 26 सितंबर तक लगाई रोक

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में पश्चिम बंगाल सरकार को उस प्रस्तावित राहत योजना के क्रियान्वयन से रोक दिया, जिसके तहत उन गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आर्थिक सहायता दी जानी थी, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 की स्कूल सर्विस कमिशन (SSC) भर्ती प्रक्रिया को भ्रष्ट घोषित करने के बाद नौकरी से हटाया गया था।

न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने अपने आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 26 सितंबर या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) इस योजना को लागू न करे। अदालत ने यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया जो राज्य सरकार द्वारा ग्रुप C श्रेणी के कर्मचारियों को ₹25,000 और ग्रुप D श्रेणी के कर्मचारियों को ₹20,000 की अनुग्रह राशि देने के निर्णय को चुनौती देती थीं। इस मामले में 9 जून को फैसला सुरक्षित रखा गया था।

READ ALSO  महिला आरक्षण याचिका के लिए महिला अधिवक्ता द्वारा पुरुष अधिवक्ता को नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए

पश्चिम बंगाल सरकार ने इस योजना को अस्थायी उपाय के रूप में प्रस्तुत किया था, ताकि “मानवता के आधार पर सीमित जीविका सहायता और सामाजिक सुरक्षा” उन बर्खास्त कर्मचारियों और उनके परिवारों को दी जा सके। यह राहत किसी सक्षम अदालत में चल रही विधिक प्रक्रिया के परिणाम पर निर्भर थी।

Video thumbnail

याचिकाकर्ताओं ने इस योजना का विरोध करते हुए तर्क दिया कि यह एक प्रकार से उन नियुक्तियों को वैधता देने जैसा है जिन्हें पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर प्रतिवाद में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद याचिकाकर्ता दो सप्ताह में अपनी प्रत्युत्तर दायर करेंगे।

READ ALSO  वैधानिक प्रावधान के बिना लाइसेंसधारी की मृत्यु पर मोटर ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस स्वतः रद्द नहीं हो सकता: राजस्थान हाईकोर्ट

गौरतलब है कि 2016 की एसएससी प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किए गए लगभग 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा चयन प्रक्रिया में अनियमितता पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। इस निर्णय के बाद राज्य भर में कानूनी और राजनीतिक स्तर पर भारी हलचल मच गई।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles