दिल्ली की एक उपभोक्ता अदालत ने एक सेकेंड हैंड कार डीलर को बकाया ट्रैफिक चालान वाली वाहन बेचने के मामले में ग्राहक को मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। अदालत ने डीलर को ₹28,500 की चालान राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने और मानसिक उत्पीड़न व कानूनी खर्च के लिए ₹20,000 अतिरिक्त देने को कहा है।
मामला दयालपुर निवासी एक महिला द्वारा 27 मई 2022 को पीतमपुरा स्थित एक कार डीलर से सेकेंड हैंड हुंडई क्रेटा कार खरीदने से जुड़ा है। वाहन की खरीद प्रक्रिया के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कार पर लगभग 14 ट्रैफिक चालान लंबित हैं, जिनकी कुल राशि ₹28,500 थी। डीलर ने तीन कार्यदिवस के भीतर चालानों के भुगतान का लिखित आश्वासन दिया, जिसमें उसकी आधिकारिक मुहर भी शामिल थी।
हालांकि, निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी चालानों का भुगतान नहीं किया गया और डीलर ने ग्राहक के फोन कॉल्स का उत्तर देना भी बंद कर दिया। इसके बाद महिला ने 19 सितंबर 2022 को व्हाट्सऐप के माध्यम से और 22 सितंबर को स्पीड पोस्ट के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन डीलर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

एकपक्षीय कार्यवाही में अदालत का आदेश
डीलर की अनुपस्थिति में, महिला ने नवंबर 2023 में नंद नगरी स्थित उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करवाई। मामले की सुनवाई के दौरान डीलर या उसका प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित नहीं हुआ, जिसके चलते अदालत ने एकपक्षीय कार्यवाही के अंतर्गत निर्णय पारित किया।
महिला की ओर से पेश वकील, एडवोकेट ओशियन चौधरी ने अदालत में डिलीवरी रसीद, डीलर द्वारा दिया गया लिखित आश्वासन और लंबित चालानों की सूची सहित अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए। अदालत ने इन्हीं प्रमाणों के आधार पर डीलर को ₹28,500 की राशि 9% वार्षिक ब्याज सहित लौटाने का आदेश दिया। साथ ही ₹20,000 की राशि मानसिक पीड़ा और वाद व्यय के लिए निर्धारित की गई, जिस पर भी आदेश की तिथि से भुगतान तक समान दर से ब्याज देय होगा।