उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कालागढ़ डैम क्षेत्र के निवासियों के लिए बेदखली रणनीति मांगी

एक हालिया घटनाक्रम में, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के कालागढ़ डैम क्षेत्र में अवैध रूप से रह रहे परिवारों के लिए बेदखली योजना तैयार करने हेतु राज्य सरकार को एक सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है। जस्टिस जी. नरेंदर और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह निर्देश देते हुए अब 5 मई तक हलफनामा दाखिल करने की अंतिम तिथि निर्धारित की है, जिसमें बेदखली की विस्तृत योजना प्रस्तुत करनी होगी।

यह निर्णय डैम क्षेत्र से जुड़े चल रहे कानूनी और प्रशासनिक विवादों को रेखांकित करता है। हालांकि डैम का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में स्थित है, लेकिन अवैध अतिक्रमण वाले हिस्से की जिम्मेदारी उत्तराखंड के विद्युत और वन विभागों पर है। इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक भी हुई थी, जिसमें अतिक्रमण से निपटने के लिए एक समन्वित योजना तैयार करने पर चर्चा की गई थी।

READ ALSO  यदि आरोपी SC-ST एक्ट के तहत बरी हो गया है परन्तु IPC के तहत दोषी ठहराया गया है तो CrPC या SC-ST एक्ट, किस कानून Aमें अपील दायर होगी? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया

बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश ने स्पष्ट कर दिया कि अवैध अतिक्रमणकारियों के पुनर्वास के लिए उसकी कोई नीति नहीं है, जिससे मामला और जटिल हो गया। इसके बाद मुख्य स्थायी अधिवक्ता सी. एस. रावत ने अदालत को इन घटनाक्रमों की जानकारी दी, जिसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को और समय प्रदान किया।

Video thumbnail

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1960 में उत्तर प्रदेश सरकार ने डैम निर्माण के लिए वन विभाग से भूमि अधिग्रहीत की थी, जिसे बाद में सिंचाई विभाग को स्थानांतरित कर दिया गया। निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद कुछ भूमि वापस कर दी गई थी, लेकिन समय के साथ इस क्षेत्र पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों समेत अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया।

READ ALSO  हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के CJ रितु राज अवस्थी को जान से मरने की धमकी मिलने के बाद, Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई- जानें विस्तार से
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles