सुप्रीम कोर्ट में केरल सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई तय, राज्यपाल पर बिलों को मंजूरी देने में देरी का आरोप

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार द्वारा राज्यपाल के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। ये याचिकाएं राज्य विधानसभा से पारित बिलों को मंजूरी देने में देरी को लेकर दायर की गई थीं। इस मामले की सुनवाई 6 मई को होगी। सरकार ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल की ओर से मंजूरी में देरी से विधायी प्रक्रिया बाधित हो रही है।

जस्टिस पी.एस. नरसिंह और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता के.के. वेणुगोपाल की दलीलों पर गौर किया, जिन्होंने कहा कि तमिलनाडु मामले में दिया गया हालिया निर्णय इस मुद्दे से संबंधित दिशा-निर्देश पहले ही तय कर चुका है। वेणुगोपाल ने कहा कि जस्टिस जे.बी. पारडीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा दिए गए निर्णय में राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा बिलों को मंजूरी देने की समयसीमा तय की गई थी।

READ ALSO  "कहीं से भी ढूंढ़ के लाओ इन 6 बच्चों को": सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दिया सख्त निर्देश

उन्होंने कहा, “राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित किए जाने की समयसीमा को उस निर्णय में स्पष्ट रूप से संबोधित किया गया है।” इस पर पीठ ने कहा कि वे उस निर्णय की समीक्षा करेंगे ताकि यह देखा जा सके कि क्या केरल की याचिकाओं में उठाए गए मुद्दे उस पर आधारित हैं।

Video thumbnail

उल्लेखनीय है कि 8 अप्रैल को तमिलनाडु से जुड़े मामले में जस्टिस पारडीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने राज्यपाल द्वारा 10 विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजे जाने को कानूनन गलत ठहराते हुए निरस्त कर दिया था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि यदि कोई बिल राष्ट्रपति को भेजा जाता है, तो राष्ट्रपति को तीन माह के भीतर उस पर निर्णय लेना होगा।

हालांकि, केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल के कार्यालय की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केरल का मामला तमिलनाडु से अलग है और इसमें कुछ भिन्न कानूनी पहलू हैं।

READ ALSO  ग़ैर अल्पसंख्यक द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान बाद में संचालको के धर्म परिवर्तन से अल्पसंख्यक नहीं हो सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

यह कानूनी विवाद तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई, 2023 को केरल सरकार की उस याचिका को विचारार्थ स्वीकार किया जिसमें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर कई विधेयकों को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया गया था। केरल सरकार के अनुसार, इनमें से कुछ विधेयक राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे गए थे, जो अब तक लंबित हैं।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने आप विधायक के खिलाफ मकोका मामले को विशेष न्यायालय में स्थानांतरित किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles