सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया के शो पर से प्रतिबंध हटाया, शालीनता के साथ प्रसारण की अनुमति दी

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया के शो के प्रसारण पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। अब वह अपना लोकप्रिय यूट्यूब शो “द रणवीर शो” फिर से शुरू कर सकते हैं, बशर्ते कि वह शालीनता और नैतिकता के मानकों का पालन करें। यह फैसला सोमवार, 3 मार्च को आया, जब उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज अश्लीलता के मामलों पर कानूनी कार्यवाही जारी थी।

पहले, महाराष्ट्र, राजस्थान और असम पुलिस द्वारा अश्लील टिप्पणियों को लेकर “इंडियाज गॉट लेटेंट” शो के दौरान दर्ज एफआईआर के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को किसी भी शो को प्रसारित करने से रोक दिया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि प्रसारित की जाने वाली सामग्री ऐसी होनी चाहिए, जिसे किसी भी आयु वर्ग के दर्शक बिना किसी हिचक के देख सकें। उन्होंने न्यायालय से जुड़े मामलों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने पर भी चिंता व्यक्त की। अदालत ने विशेष रूप से उस घटना पर नाराजगी जताई, जिसमें एक आरोपी ने विदेश में जाकर इस मुद्दे पर बयान दिया था।

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रणवीर इलाहाबादिया की ओर से वरिष्ठ वकील डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल भविष्य में अपने कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करेंगे और आध्यात्मिक नेताओं और पेशेवरों को आमंत्रित करने वाले सकारात्मक विषयों पर केंद्रित सामग्री प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इलाहाबादिया के यूट्यूब शो से करीब 280 लोग रोजगार पाते हैं, और उनके लिए यह आय का एकमात्र जरिया है।

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केंद्र सरकार और महाराष्ट्र तथा असम सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने “इंडियाज गॉट लेटेंट” के कंटेंट की कड़ी आलोचना की। उन्होंने इसे “बेहद आपत्तिजनक” बताया और कहा कि यह शो सार्वजनिक रूप से देखे जाने योग्य नहीं था। हालांकि, अदालत ने चंद्रचूड़ के आश्वासन और आर्थिक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए प्रसारण प्रतिबंध को हटाने पर सहमति जताई।

सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन सामग्री के नियमन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि बिना सेंसरशिप लागू किए ऐसा तरीका अपनाना जरूरी है, जिससे डिजिटल मीडिया की स्वतंत्रता बनी रहे, लेकिन सामाजिक और नैतिक मूल्यों की रक्षा भी हो। अदालत ने केंद्र सरकार से सुझाव देने और इस मुद्दे पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने को कहा।

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यह मामला तब विवादों में आया जब “इंडियाज गॉट लेटेंट” शो की कुछ वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिनमें माता-पिता के संदर्भ में आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं। इस पर भारी विरोध हुआ, जिससे शो के होस्ट समय रैना ने माफी मांगते हुए अपने चैनल से सभी एपिसोड हटा दिए। रणवीर इलाहाबादिया ने भी अपनी टिप्पणियों को अनुचित मानते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।

अब, जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे की कार्यवाही कर रहा है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि ऑनलाइन कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए किस प्रकार के दिशानिर्देश बनाए जाते हैं। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नैतिक मूल्यों के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है, ताकि डिजिटल मीडिया एक स्वस्थ और मर्यादित स्वरूप में आगे बढ़ सके।

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