एक जूनियर महिला कोच द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद हरियाणा के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता संदीप सिंह के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल गर्ग की देखरेख में अदालती कार्यवाही ने इस मामले में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम को चिह्नित किया, जिसने पिछले साल से काफी ध्यान आकर्षित किया है।
अदालत ने सिंह द्वारा प्रस्तुत डिस्चार्ज आवेदन को खारिज कर दिया, यह दर्शाता है कि मुकदमा भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आगे बढ़ेगा। शिकायतकर्ता के वकील दीपांशु बंसल के अनुसार, आरोपों में धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न), धारा 354 बी (कपड़े उतारने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 506 (आपराधिक धमकी), और धारा 509 (किसी महिला की शील भंग करने के इरादे से शब्द, इशारा या कार्य) शामिल हैं।
इसके अलावा, अदालत ने आरोपों में धारा 376 (बलात्कार) को शामिल करने की शिकायतकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
आरोप एक जूनियर एथलेटिक कोच द्वारा रिपोर्ट की गई घटना से उत्पन्न हुए हैं, जिसने भाजपा नेता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। शिकायत आधिकारिक तौर पर 31 दिसंबर, 2022 को सेक्टर-26 पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। शिकायत के समय, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और पहली बार विधायक बने सिंह मंत्री के रूप में कार्यरत थे।
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सिंह ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। आगामी मुकदमे में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से संबंधित सबूतों और गवाही की आगे जांच की जाएगी।