दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया, आरोपों को “लापरवाह” और “निराधार” करार दिया। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि याचिका दुर्भावनापूर्ण इरादों और परोक्ष उद्देश्यों से भरी हुई प्रतीत होती है, जिससे यह अदालत में अस्वीकार्य हो जाती है।
कैप्टन दीपक कुमार द्वारा दायर याचिका में प्रधानमंत्री मोदी और कई अन्य लोगों पर 2018 में एयर इंडिया के एक विमान की घातक दुर्घटना की कथित रूप से साजिश रचकर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था, जिसके बारे में कैप्टन कुमार ने दावा किया था कि वह विमान चला रहे थे। अदालत ने इन दावों को अस्पष्ट और पर्याप्त सबूतों से समर्थित नहीं पाया, यह देखते हुए कि याचिका के समग्र सार से दुर्भावनापूर्ण इरादे का पता चलता है।
इसके अतिरिक्त, याचिका में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उम्मीदवारी को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसमें इसी तरह के आधार का हवाला दिया गया था। इसमें आरोप लगाया गया कि प्रधानमंत्री ने अपनी नामांकन प्रक्रिया के दौरान गलत घोषणाएं की थीं और उन पर एयर इंडिया लिमिटेड की बिक्री से संबंधित साक्ष्यों को नष्ट करने में शामिल होने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण कथित तौर पर कैप्टन कुमार का पायलट लाइसेंस रद्द कर दिया गया था और सेवा रिकॉर्ड में बदलाव किया गया था।
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अदालत ने याचिका को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि इसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से बिना किसी सबूत के सार्वजनिक हस्तियों को बदनाम करना था, और इसे “पूरी तरह से बेतुका” करार दिया।