अपने समाज में लोग ट्रांसजेंडर(किन्नर) को बहुत अभेलना की नजरों से देखते हैं कोई कोई तो उनके पास जाने में भी हिचकिचाहट महसूस करते है लेकिन समाज का आईना ये भी है जहाँ बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए एक ट्रांसजेंडर को महिला श्रेणी में चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की है। हाई कोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडर लोगों को अपने स्वम के लिंग की पहचान करने का अधिकार है।
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कोर्ट के जस्टिस रविंद्र घुगे की एकल पीठ ने अंजली गुरु संजना की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए 2 जनवरी को फैसला सुनाया।अंजली ने दिसम्बर 2020 के रिटर्निंग अधिकारी के आदेश को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था।ट्रांसजेंडर ने जलगांव जिले में महिलाओं के लिए एक ग्राम पंचायत सुरक्षित सीट से चुनाव के लिए नामांकन पर्चा भरा था। इस पत्र में उन्होंने अपना लिंग महिला चुना था।