बैंककर्मी ही निकला ठगों का साथी, फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से निकाले थे 5 लाख रुपये

फर्जी हस्ताक्षर कर खाते से रकम उड़ाने वाले तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ठगी की गई रकम भी बरामद कर ली है। इस मामले में बैंककर्मी की शामिल था। पुलिस ने सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनका चालान कर दिया है।

ग्राम जमालपुर कलां, कनखल निवासी रतन सिंह ने 1 मई को थाना कनखल में तहरीर प्रार्थनापत्र देकर उसके जगजीतपुर स्थित उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के खाते से किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 25 अप्रैल को 05 लाख रुपये निकाले जाने के संबंध में शिकायत दर्ज करायी। खाते से रुपये निकासी के सम्बन्ध में पीडि़त ने बैंक में सम्पर्क करने पर बैंक स्टाफ के पैसे निकाले जाने का विड्राल फार्म दिखाया गया, जिसमें खाताधारक के हस्ताक्षर की कूटरचना की गयी थी।

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फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बैंक खाते से धोखाधड़ी कर 5 लाख रुपये गबन करने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर इस धोखाधड़ी के खुलासे के लिए पुलिस टीम गठित की। टीम ने विभिन्न सीसीटीवी कैमरों की जांच ठोस सुरागरसी पतारसी की गई। विवेचना के दौरान बैंक फुटेज खंगालने व जांच में बैंक में तैनात सन्नी नामक युवक की संदिग्धता सामने आयी।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने सन्नी कुमार निवासी डी-36 मायापुर डामकोठी कोतवाली नगर हरिद्वार को शमशान घाट पुल बैरागी से व उसके 02 अन्य साथियों मोहित शर्मा उर्फ मोनू निवासी अशोक विहार राजागार्डन थाना कनखल जनपद हरिद्वार और रविन्द्र निवासी ग्राम सरसावा थाना सरसावा जिला सहारनपुर उ.प्र. को देव बिहार जगजीतपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से ठगी कर निकाली गई रकम में से 04 लाख रुपये भी बरामद कर लिए।

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पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि ठगी का तानाबाना बुनकर तीनों ने वारदात को अंजाम दिया था। रकम मिलने पर सन्नी ने मोनू को 02 लाख और रविन्द्र में 01 लाख रुपये देकर 02 लाख अपने पास रखे थे। पुलिस ने सन्नी से 1 लाख 47 हजार, मोहित शर्मा से 1 लाख 59 हजार व रविन्द्र से 94 हजार रुपये बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त कार को भी कब्जे में ले लिया है।

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