आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा विषय है जिस पर आजकल अक्सर चर्चा होती है। यदि आप इसे विनोदी तरीके से उपयोग करते हैं तो यह आपका मनोरंजन करता रहेगा। लेकिन क्या हर चीज के लिए पूरी तरह से उस पर निर्भर रहना उचित है? यह एक खुला प्रश्न है। लोग वर्तमान में कृत्रिम बुद्धि के उपयोग के बारे में कई चिंताएं उठा रहे हैं।
कुछ का तर्क है कि यह मनुष्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। दूसरी ओर, कई लोगों का मानना है कि अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो यह बेहद फायदेमंद हो सकता है।
हाल ही में न्यूयॉर्क से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर खबर सामने आई थी। इस मामले में, एक वकील ने अपने मामले में मदद के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया। लेकिन यह कारगर नहीं हुआ। वकील इस बात से अनजान थे कि चैटजीपीटी तथ्यों के आधार पर जवाब नहीं देता है। वकील को मशीन से गलत जानकारी मिली। इसी आधार पर उसने कोर्ट में दलील पेश की। न्यायाधीश ने अप्रासंगिक तथ्यों पर अदालत का समय बर्बाद करने के लिए वकील को फटकार लगाई।
स्टीवन के मामले में 1999 और 2019 के बीच हुई छह घटनाएं शामिल थीं। इनके आधार पर स्टीवन ने अनुरोध किया कि मुवक्किल के मामले को खारिज नहीं किया जाए। हालांकि, न तो एयरलाइन के वकील और न ही जज को मामले के बारे में कोई जानकारी दी गई।
जब स्टीवन से इन मामलों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया था और उनसे उनके बारे में जानकारी प्राप्त की थी। जज द्वारा फटकार लगाने के बाद स्टीवन ने अपने बचाव में दावा किया कि वह इस बात से अनजान थे कि चैटजीपीटी गलत जानकारी प्रदान कर रहा है। इस मामले के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सवाल उठने लगे।