सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने याचिका दायर कर डॉ काफिल खान के सम्बंध में हाइकोर्ट के फैसले को खारिज करने की माग की थी जिसे कोर्ट ने आज खारिज कर दिया है।
इलाहाबाद हाइकोर्ट ने यूपी पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए डॉ काफिल खान पर लगाए गए एनएसए को रद्द कर दिया था। आज सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है।
डॉ काफिल की गिरफ्तारी की वजह-
आपको बता दे कि नागरिकता संसोधन कानून सीएए और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ काफिल को गिरफ्तार किया गया था। इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की संयुक्त पीठ ने 1 सितंबर 2020 को काफिल खान पर लगाए गए NSA को गलत ठहराते हुए तत्काल रिहाई के आदेश दिए थे।
Read Also
अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण का आरोप-
अगस्त 2019 में काफिल खान को अलीगढ़ में भडकाऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। डॉ काफिल अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलज में कथित तौर से ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में बीमार बच्चों की मौत के मामले में सुर्खियों में आये थे।
डॉक्टर काफिल खान को दिसंबर 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में CAA के विरोध में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में इस वर्ष जनवरी में गिरफ्तार कर मथुरा जेल भेज दिया गया था। फरवरी में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन जेल से रिहा होने से ठीक पहले 13 फरवरी को काफिल पर रासुका के तहत कार्यवाही हो गई थी। जिनके बाद 1 सितंबर तक वह जेल में रहे।