हाई कोर्ट का सीबीआई को रेप के मामले में फरार बाबा वीरेंद्र दीक्षित को गिरफ्तार करने का निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वो रेप के मामले में फरार चल रहे रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संस्थापक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित को गिरफ्तार करने की हरसंभव कोशिश करे। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई को छह हफ्तों के अंदर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये बताया गया कि वीरेंद्र देव दीक्षित या उसके शिष्य यू-ट्यूब चैनल पर काफी सारे वीडियो अपलोड कर रहे हैं। वे मार्च 2018 से लेकर अब तक काफी वीडियो अपलोड कर चुके हैं। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के प्रयासों के बावजूद वीरेंद्र देव दीक्षित को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। सीबीआई अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 166ए के तहत ब्रिटेन, नेपाल समेत दूसरे देशों को आग्रह भेजे, जहां से ये वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि वीरेंद्र देव दीक्षित के देश भर में कई आश्रम हैं। सीबीआई इन आश्रमों के मालिकों का पता लगाए। इन आश्रमों की फंडिंग कहां से हो रही है और उनका किराया कहां से जा रहा है।

READ ALSO  कानून मंत्री ने राज्यसभा को बताया कि आम सहमति के अभाव में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है

गौरतलब है कि 26 अप्रैल, 2022 को हाई कोर्ट ने रोहिणी के आश्रम में महिलाओं की स्थिति पर नजर रखने के लिए संबंधित इलाके के डिस्ट्रिक्ट जज की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। हाई कोर्ट ने इस कमेटी के क्रियाकलाप के निरीक्षण के लिए पुद्दुचेरी की पूर्व उप-राज्यपाल किरण बेदी को नियुक्त किया था। कोर्ट ने कहा था कि आश्रम अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र होगा।

इसके पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि क्या वो इस आश्रम काे टेकओवर कर सकती है। आज कोर्ट को ये सूचित किया गया कि चूंकि ये निजी संस्था है, इसलिए सरकार को इसमें दखल देना ठीक नहीं है। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट चाहे तो एक कमेटी का गठन कर सकती है, जिसमें डॉक्टरों की भी एक टीम हो। अगर किसी कानून का उल्लंघन होता है तब सरकार दखल दे सकती है। उसके बाद कोर्ट ने कहा कि कमेटी समय-समय पर आश्रम का निरीक्षण करेगी और वहां रहने वालों से बात करेगी। कमेटी को आश्रम के वो दस्तावेज भी उपलब्ध कराने होंगे, जिसमें वहां रहने वाले लोगों का रिकार्ड हो। कमेटी डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों या दूसरे विशेषज्ञों की राय ले सकती है।

READ ALSO  ड्राइवर की लापरवाही से हुई मौत पर बीमा कंपनी मुआवज़ा देने को बाध्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि बच्चियों के माता-पिता उनसे मिलना चाहते हैं लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि आश्रम का मालिक वीरेंद्र देव दीक्षित है। उसके खिलाफ दस से ज्यादा केस दर्ज हैं। उसके खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है। गुरुस्वामी ने दिल्ली महिला आयोग के चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल और वकील नंदिता राव की उस रिपोर्ट का हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि आश्रम में जानवरों जैसे हालात हैं। आश्रम में कई नाबालिग बच्चियां हैं, जिन्हें प्रताड़ित किया जाता है।

READ ALSO  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2022 मामले में विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्यवाही, आरोप पत्र रद्द कर दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles