वाराणसी: कानूनी पेशे की शुचिता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन की एक संयुक्त समिति ने गुरुवार को वाराणसी के जिला सत्र न्यायालय परिसर से दो व्यक्तियों को अधिवक्ता के भेष में काम करते हुए पकड़ा। वकील की वेशभूषा में काम कर रहे दोनों आरोपी कोई भी वैध प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में विफल रहे, जिसके बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया।
मामले की पृष्ठभूमि
दोनों प्रमुख बार एसोसिएशनों द्वारा गठित संयुक्त अधिवक्ता जांच समिति ने गुरुवार को जिला सत्र न्यायालय में औचक निरीक्षण किया। इस छापेमारी के दौरान, समिति ने विनोद कुमार गुप्ता और शिवनंदन पटेल नामक दो व्यक्तियों की पहचान की, जो अधिवक्ताओं की वेशभूषा में थे और न्यायिक कार्यों में संलग्न प्रतीत हो रहे थे।

जांच करने पर उनके कब्जे से कई केस फाइलें और हस्ताक्षरित दस्तावेज बरामद होने की सूचना है। जब समिति के सदस्यों ने उनकी साख को सत्यापित करने के लिए उनके अधिवक्ता पहचान पत्र और अन्य वैध कानूनी दस्तावेजों की मांग की, तो दोनों व्यक्ति वकील के रूप में अपने पंजीकरण का कोई भी प्रमाण प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे।
बार एसोसिएशन द्वारा की गई कार्रवाई
संतोषजनक पहचान पत्र प्रस्तुत करने में विफलता के बाद, दोनों व्यक्तियों को आगे की पूछताछ के लिए बार कक्ष में ले जाया गया। जब उनके उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए, तो समिति ने तत्काल कैंट थाना पुलिस को सूचित किया।
पुलिस बल मौके पर पहुंचा और दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें उनके खिलाफ औपचारिक कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए थाने ले जाया गया।
यह कार्रवाई बार एसोसिएशनों द्वारा 8 जुलाई को शुरू किए गए एक विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य फर्जी तौर पर वकीलों के रूप में काम करने वाले व्यक्तियों की पहचान करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करना है। एसोसिएशनों के अनुसार, हालांकि पहले कुछ व्यक्तियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था, लेकिन चल रहे अभियान के तहत यह पहली गिरफ्तारी है। इस अभियान को कानूनी पेशे की गरिमा और पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।