95 लाख रुपये की जमीन घोटाला मामले में जारी LOC रद्द करने से उत्तराखंड हाईकोर्ट का इनकार

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 95 लाख रुपये की जमीन की कथित धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के मामले में आरोपी असद खान के खिलाफ जारी लुक-आउट सर्कुलर (LOC) को रद्द करने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकल पीठ ने कहा कि LOC जारी करने में कोई अवैधता या अनियमितता नहीं है और इसका जारी रहना उचित है।

मामले में दो एफआईआर दर्ज हैं।
पहली शिकायत प्रनीत कोहली ने बुग्गावाला थाने, हरिद्वार में दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप है कि असद खान ने हरिद्वार की एक जमीन अपने पुत्र मुदित कोहली को बेचने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
दूसरी एफआईआर में शिकायतकर्ता ज़ुल्फान और उनके भाई के हस्ताक्षर जालसाजी से तैयार करने और उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर जमीन को 95 लाख रुपये में बेचने का आरोप है।

खान को जून 2022 में गिरफ्तार किया गया था और 12 जुलाई 2022 को जमानत मिल गई थी। उन्हें LOC जारी होने की जानकारी 20 जुलाई 2023 के आदेश से मिली।

अपनी याचिका में खान ने LOC को मनमाना और अवैध करार दिया। उनका तर्क था कि—

  • उन्होंने कभी भी न्यायिक प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की,
  • जांच में पूरा सहयोग किया,
  • जमानत मिलने के बाद से दो वर्षों में उन्हें एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया,
  • LOC बिना किसी कारण बताए जारी किया गया, जो दिशानिर्देशों के खिलाफ है,
  • इससे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विदेश यात्रा के अधिकार का हनन हुआ है।
READ ALSO  ठगी मामले में अभिनेता श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से राहत

खान ने स्विट्जरलैंड और लंदन में अपने पुत्र से मिलने और पर्यटन हेतु विदेश यात्रा की अनुमति भी मांगी थी।

राज्य सरकार ने याचिका का कड़ा विरोध किया। राज्य की ओर से कहा गया कि—

  • LOC विस्तृत जांच के बाद जारी किया गया,
  • चार्जशीट दाखिल हो चुकी है,
  • गंभीर अपराधों में आरोपी व्यक्ति के देश छोड़कर भागने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता,
  • रिकॉर्ड में petitioner के विदेशों में महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य हैं, जिससे उनके फरार होने की आशंका बढ़ती है।
READ ALSO  ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने 2017 में सड़क दुर्घटना में मारे गए एक पुलिसकर्मी के परिवार को 64.11 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि मामला जालसाजी, धोखाधड़ी और बड़ी रकम के लेन-देन से जुड़ा है। जांच एजेंसी द्वारा प्रस्तुत रिकॉर्ड से संकेत मिलता है कि याचिकाकर्ता की विदेशों में उल्लेखनीय वित्तीय गतिविधियां हैं, जिससे उसके देश छोड़कर जाने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

ऐसे में LOC जारी रखने में अदालत ने कोई हस्तक्षेप करने का कारण नहीं पाया और याचिका खारिज कर दी।

READ ALSO  पासपोर्ट सिर्फ़ इसलिए ज़ब्त नहीं हो सकता कि धारा 498A के तहत FIR दर्ज हो गयी हैः MP HC
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles