उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई और हाल ही में हुए नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के दौरान पांच सदस्यों के कथित अपहरण पर संज्ञान लिया। अदालत ने राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव में हुई हिंसा से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी जताई। अदालत ने कहा कि हथियारों और कट्टों के इस्तेमाल की घटनाओं ने सभी को विचलित किया है और इस पर सख्ती से कार्रवाई की जानी चाहिए।
साथ ही अदालत ने अपनी कार्यवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर भी चिंता जताई और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

यह मामला जिला पंचायत सदस्य पुष्पा नेगी की याचिका के आधार पर अदालत के सामने आया। नेगी ने आरोप लगाया कि 14 अगस्त को हुए नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के दौरान उनके पांच साथी सदस्य—दिकार सिंह, विपिन जंतवाल, तरुण कुमार शर्मा, प्रमोद सिंह और दीप सिंह बिष्ट—का अपहरण कर लिया गया।
याचिकाकर्ता ने नैनीताल पुलिस प्रशासन पर लापरवाही और समय रहते कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। अदालत ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान भी लिया।
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त तय की है और गृह सचिव व डीजीपी को अदालत के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति की जानकारी देने का आदेश दिया है।