सशस्त्र बलों के मामलों में त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जारी की विशेष दिशानिर्देश

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य की अधीनस्थ अदालतों को निर्देश दिया है कि सशस्त्र बलों के कर्मियों और उनके आश्रितों से जुड़े मामलों की पहचान कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। यह कदम ऐसे मामलों में शीघ्र और प्रभावी न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

हाईकोर्ट ने सभी अधीनस्थ अदालतों को निर्देश दिया है कि सेवारत या सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके आश्रितों से संबंधित सभी लंबित मामलों की तुरंत पहचान की जाए और उनका शीघ्र निस्तारण किया जाए। जारी अधिसूचना तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है।

READ ALSO  क्या पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शिकायतकर्ता की ओर से गवाही दे सकता है? केरल हाईकोर्ट ने दिया निर्णय

दिशानिर्देशों के तहत, हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि न्यायिक अधिकारियों को सशस्त्र बलों से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे ऐसे मामलों में लागू विशेष प्रक्रियाओं और अधिकारों से भली-भांति परिचित हों।

Video thumbnail

अदालतों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे मामलों की सुनवाई के दौरान Indian Military (Litigation) Act, 1925, Army Act, 1950, Air Force Act, 1950, Navy Act, 1950 तथा अन्य लागू कानूनों का अनुपालन करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सैनिकों की विशेष परिस्थितियों और कानूनी अधिकारों को न्यायिक प्रक्रिया में समुचित महत्व दिया जाए।

READ ALSO  पति-पत्नी की अलावा कोई तीसरा व्यक्ति विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र में प्रविष्टियों में सुधार या रद्द करने के लिए आवेदन दायर नहीं कर सकता है: हाईकोर्ट

दिशानिर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी मामले में सशस्त्र बल कर्मी की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक हो, तो अदालतें उनकी उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए सुनवाई की तारीख तय करें, ताकि अनावश्यक विलंब से बचा जा सके।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles