उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर नगर निगम में कार्यकारी अधिकारी (EO) की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए नगर परिषद अध्यक्ष सुरेश खेतवाल और मुख्य सहायक विजय सिंह कनवासी को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि इसके पहले पारित आदेशों की अवहेलना पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
बागेश्वर निवासी हयात सिंह परिहार ने अवमानना याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने 17 सितंबर 2025 को उन्हें कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया था और उन्होंने अगले ही दिन कार्यभार संभाल भी लिया। इसके बावजूद, परिषद अध्यक्ष ने लगभग तीन सप्ताह तक उनके वित्तीय अधिकार रोककर रखे।
परिहार के अनुसार, मामला तब और उलझ गया जब सरकार ने अचानक एक अन्य अधिकारी को कार्यकारी अधिकारी नियुक्त कर दिया और उन्हें हल्द्वानी नगर निगम स्थानांतरित कर दिया। उन्होंने इन दोनों आदेशों को चुनौती दी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने नई नियुक्ति पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट की दखल के बाद, 14 अक्टूबर को राज्य सरकार ने नया नियुक्ति आदेश और परिहार का तबादला दोनों वापस ले लिए और अदालत को बताया कि नियमित EO नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके बाद मूल याचिका निपटा दी गई।
लेकिन इसी बीच 17 अक्टूबर को बागेश्वर नगर निगम ने बैठक कर विजय सिंह कनवासी को कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय ले लिया, जिससे परिहार को फिर दरकिनार कर दिया गया।
परिहार ने इस निर्णय को भी चुनौती दी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने 31 अक्टूबर को नगर निगम के फैसले पर रोक लगा दी। परिहार का आरोप है कि इसके बावजूद उन्हें कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम नहीं करने दिया गया, जिसके चलते उन्हें अवमानना कार्यवाही की मांग करनी पड़ी।
मामले पर गंभीर टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैथानी ने अब परिषद अध्यक्ष और मुख्य सहायक दोनों को अवमानना नोटिस जारी किया है और उन्हें अदालत में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है।
अदालत आने वाले दिनों में यह तय करेगी कि क्या दोनों अधिकारियों ने जानबूझकर न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की है।




