उत्तर प्रदेश में न्यायिक अधिकारियों की भर्ती UPHJS प्रक्रिया में बदलाव किया है।
इसके लिए उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (सोलहवां संशोधन) नियमावली-2023 में प्रावधान किया गया है।
बड़ा बदलाव
संशोधन से पूर्व उच्चतर न्यायिक सेवा के लिए वकील के रूप में न्यूनतम सात साल के अनुभव कि आवश्यकता थी, परंतु अब नए संशोधन से सात साल अनुभव के साथ विज्ञापन के पूर्ववर्ती 3 वर्ष में अनारक्षित श्रेणियों के लिए 30 मुकदमे (सामूहिक मामलों से भिन्न) और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 24 मुकदमे (सामूहिक मामलों से भिन्न) संचालित करने में स्वतंत्र रूप से अनुभव हों।
नियम 5- भर्ती का स्रोत- सेवा में भर्ती निम्नलिखित प्रकार से की जायेगी :- (ग) आवेदन पत्रों को प्रस्तुत किये जाने के लिए नियत अंतिम दिनांक को न्यूनतम सात वर्षों से एक अधिवक्ता के रूप में व्यवसाय करने वाले अधिवक्ताओं में से सीधी भर्ती द्वारा;
परन्तु यह कि ऐसे अधिवक्ताओं को ही परीक्षा प्रक्रिया में सम्मिलित होने की अनुज्ञा दी जायेगी, जो किसी न्यायालय के समक्ष भर्ती हेतु विज्ञापन के प्रकाशन वर्ष से, पूर्ववर्ती तीन वर्षों में अनारक्षित श्रेणियों के लिए 30 मामले (सामूहिक मामलों से भिन्न) और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 24 मामले (सामूहिक मामलों से भिन्न) से अन्यून मामले को संचालित करने में स्वतंत्र रूप से लगे हुए हों। ऐसे स्वतंत्र विनियोजन का प्रमाण पत्र यथास्थिति जिले का जिला एवं सत्र न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के महानिबन्धक/निबन्धक या उच्चतम न्यायालय के महास्त्रिव द्वारा जारी किया जायेगा।
इस संशोधन से पदों की संख्या भी बढ़ा कर 1340 कर दी गई है। इसमें स्थाई 799 और अस्थाई 541 हैं जो पहले 150 थी।
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इस नियमावली के तहत जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (वाणिज्यिक विवादों, भूमि अर्जन, मोटर दुर्घटना दावा, याचिकाएं आदि जैसे विशिष्ट मामलों के लिए समय-समय पर सृजित विशेष न्यायालयों) किए की भर्ती की जाती है।
अब भर्ती के लिए दो स्तरीय प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा कराई जाएगी। भर्ती के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या रिक्तियों की संख्या से 10 गुना अधिक होने पर अभ्यर्थियों की योग्यता आंकने के लिए पहले प्रारंभिक परीक्षा कराई जाएगी। यह परीक्षा दो घंटे 100 अंक की होगी। मुख्य परीक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक पाने वाले ही पात्र माने जाएंगे। लिखित परीक्षा में पास होने वाले साक्षात्कार के लिए पात्र माने जाएंगे।