इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अदालत की अवमानना के एक मामले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
उच्च न्यायालय ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ को 14 जुलाई को अदालत में त्रिवेदी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए वारंट निष्पादित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने मंगलवार को डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता द्वारा दायर अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उसने 10 मई, 2023 को त्रिवेदी को निर्देश दिया था कि या तो अदालत के आदेश का पालन करें या कारण बताने के लिए उसके समक्ष उपस्थित हों। त्रिवेदी के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने से पहले अदालत ने कहा, ”न तो वह अदालत में मौजूद हैं और न ही उनकी ओर से कोई आवेदन दायर किया गया है।”
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उच्च न्यायालय ने 6 मई, 2022 को राज्य सरकार को बिना किसी भेदभाव के एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों के बराबर आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा अधिकारियों को विशेष एसीपी (सुनिश्चित कैरियर पदोन्नति) योजना का लाभ देने का निर्देश दिया था। उनके बीच और राज्य को 14 नवंबर 2014 के सरकारी आदेश को लागू करने का आदेश दिया, जिसके द्वारा एलोपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को अन्य स्ट्रीम के चिकित्सा अधिकारियों को भी उक्त योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा था।