इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राजस्व अधिकारियों को यहां बांके बिहारी जी महाराज मंदिर की भूमि के स्वामित्व में परिवर्तन के संबंध में संपूर्ण रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने गुरुवार को श्री बिहारी जी सेवा ट्रस्ट, मथुरा द्वारा दायर एक याचिका पर आदेश पारित किया, जिसमें उल्लेख किया गया था कि मंदिर की भूमि का स्वामित्व 2004 में राजस्व रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के नाम पर बदल दिया गया था।
याचिका में छाता, मथुरा के राजस्व अधिकारियों को बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के स्थान पर कब्रिस्तान के खिलाफ “अवैध रूप से” की गई प्रविष्टि को सही करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
10 अगस्त को पूर्व आदेश के क्रम में छाता तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी गुरुवार को अदालत में मौजूद थे, लेकिन रिकॉर्ड नहीं लाए।
अदालत ने उन्हें 23 सितंबर को अगली सुनवाई में राजस्व रिकॉर्ड लाने का निर्देश दिया।
पिछली सुनवाई में, राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत का ध्यान आकर्षित किया कि एक आवेदन भी लंबित है क्योंकि राजस्व रिकॉर्ड में प्रविष्टियां अब कब्रिस्तान से ‘पुरानी आबादी’ में बदल दी गई हैं।
याचिकाकर्ता के मुताबिक प्लॉट नं. ग्राम शाहपुर में स्थित 1081 मूल रूप से बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के नाम पर है और यह बात 1375-1377F के अधिकार अभिलेख से स्पष्ट है।