उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को यहां लालकुआं इलाके में अवैध कब्जाधारियों को अपनी जमीन खाली करने के रेलवे के नोटिस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
उच्च न्यायालय के फैसले ने क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का मार्ग प्रशस्त किया है जो लगभग 4,000 लोगों को प्रभावित कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने निवासियों की याचिका पर सुनवाई की।
रेलवे के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने अदालत को बताया कि 2018 में रेलवे और राज्य सरकार ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और नैनीताल जिले के लालकुआं के नगीना में 84 अवैध निर्माण पाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में लगभग 4,000 लोग टिन शेड्स में रह रहे हैं।
लालकुआं रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के लिए भूमि की आवश्यकता है ताकि इसे अमृत भारत योजना से जोड़ा जा सके।
शर्मा ने कहा कि रेलवे ने पुलिस सुरक्षा और अतिक्रमण के क्षेत्र को साफ करने में सहायता के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया है।