वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में दिग्गज वकील रखेंगे दलीलें, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी होंगे पेश

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 70 से अधिक याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ आज सुनवाई शुरू करेगी। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई कर रही है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कई वरिष्ठ वकील अदालत में अपनी दलीलें पेश करेंगे। इनमें प्रमुख रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और निज़ाम पाशा शामिल हैं।

कपिल सिब्बल, जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की ओर से पेश होंगे। वहीं अभिषेक मनु सिंघवी, अधिवक्ता जुल्फिकार अली पी.एस. के साथ मिलकर समसथा केरल जमीयतुल उलेमा की ओर से अदालत में पैरवी करेंगे। निज़ाम पाशा, एआईएमआईएम प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ओर से पक्ष रखेंगे, जिन्होंने प्रारंभिक रूप से इस संशोधित कानून को चुनौती दी थी।

Video thumbnail

अन्य प्रमुख अधिवक्ताओं में शामिल हैं:

  • अनस तनवीर, जो कांग्रेस सांसद मो. जावेद की ओर से पेश होंगे
  • प्रदीप यादव, जो तैय्यब अहमद सुलेमानी और अंजुम कादरी का प्रतिनिधित्व करेंगे
  • विष्णु शंकर जैन, जो स्वतंत्र रूप से अधिनियम को चुनौती दे रहे हैं
READ ALSO  बॉम्बे हाईकोर्ट ने जानवरों के लिए इलेक्ट्रिक श्मशान में देरी पर बीएमसी से मांगा जवाब

याचिकाओं में वक्फ अधिनियम में शामिल ‘वक्फ बाय यूजर’ जैसे प्रावधानों और दस्तावेजी प्रमाणों की समय-समय पर अनिवार्य प्रस्तुति की शर्तों को संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का उल्लंघन बताया गया है।

याचिकाकर्ताओं में मुस्लिम, हिंदू और सिख समुदायों के संगठन और व्यक्ति शामिल हैं। गुरुद्वारा सिंह सभा, गुरुग्राम के अध्यक्ष दया सिंह ने अधिनियम को सिखों की धार्मिक दान की परंपरा के विरुद्ध बताया है।

दूसरी ओर, छत्तीसगढ़, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों ने अधिनियम का समर्थन करते हुए याचिकाओं का विरोध करने हेतु पक्षकार बनने की अनुमति मांगी है। केंद्र सरकार ने भी संसद द्वारा पारित इस कानून को न्यायसंगत और वैधानिक ठहराते हुए इसका बचाव किया है।

READ ALSO  मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्टर के बेहतर इस्तेमाल पर जोर दिया

याचिकाओं की संख्या और इसमें उठाए गए संवैधानिक प्रश्नों की व्यापकता को देखते हुए सुनवाई लंबी चलने की संभावना है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles