इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से सम्बद्ध तीन संस्कृत महाविद्यालयों को छात्रों की परीक्षा फीस व फार्म जमा करने की अनुमति दी है।
कोर्ट ने कहा कि सभी विद्यालय विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन फार्म व फीस जमा करें। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को 08 जून की सुबह 10 से 9 जून की शाम चार बजे तक विंडो खोलने का आदेश दिया है। कहा कि जो विद्यालय इस छूट के बाद भी फार्म व फीस जमा नहीं करते उन्हें चार हफ्ते में छात्रों की फीस वापस करनी होगी। साथ ही उन्हें 25 हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने केदारनाथ संस्कृत महाविद्यालय व तीन अन्य आदर्श सेवा भारतीय संस्कृत महाविद्यालय व राजाराम संस्कृत विद्यालय की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने विश्वविद्यालय को कैंपस में औपचारिकताएं पूरी करने में किसी अधिकारी को लगाने को भी कहा है। कोर्ट ने यह आदेश छात्रों के हित में उनके शैक्षिक वर्ष को बचाने सहित मानसिक पीड़ा से निजात दिलाने के लिए दिया है। हालांकि विश्वविद्यालय ने व्यवहारिक दिक्कतों का जिक्र किया। कहा प्रवेश पत्र व पेपर छाप चुके हैं। 16 जून से ही परीक्षा शुरू होने जा रही है। इस पर कोर्ट ने कहा विश्वविद्यालय के पास इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। वह व्यवस्था कर सकती है।
कोर्ट ने कहा कि कई अवसर देने के बावजूद याची विद्यालयों ने छात्रों की परीक्षा फीस व फार्म जमा नहीं किए। अब आखिरी मौका मांग रहे हैं।
कोर्ट ने कहा कि छात्रों ने परीक्षा नहीं दी तो न केवल एक साल खराब होगा बल्कि अपूरणीय हानि सहित मानसिक तनाव होगा। विश्वविद्यालय प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम है। एक अवसर दिया जाय।