ठाणे की मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में 18 वर्षीय किशोर की सड़क दुर्घटना में मौत पर उसके परिवार को 31.34 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एमएसीटी सदस्य एस. एन. शाह द्वारा पारित इस आदेश में याचिका दायर करने की तिथि से मुआवजा पूरी तरह चुकाए जाने तक 8% वार्षिक ब्याज भी शामिल है।
यह दुखद घटना 26 मई 2019 को हुई थी, जब पीड़ित प्रोनॉय विनोद झा एक मोटरसाइकिल पर पीछे बैठा था। न्यायाधिकरण के निष्कर्षों के अनुसार, एक ट्रक चालक की लापरवाही से ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी और झा को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिवार ने मुआवजे के लिए दावा दाखिल किया और अपनी क्षति और जीवन पर पड़े प्रभाव का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
याचिका की सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता एस. जे. तिवारी ने विस्तृत साक्ष्य पेश किए, जिनमें प्राथमिकी (FIR), घटनास्थल और पंचनामा रिपोर्टें तथा चिकित्सकीय दस्तावेज शामिल थे, जो यह साबित करते थे कि मृत्यु दुर्घटना के कारण हुई थी।

वहीं, ट्रक मालिक शक्तिवेल ए. कुंदर और बीमाकर्ता चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की ओर से अधिवक्ता के. वी. पूजारी ने दावा किया कि दुर्घटना ट्रक चालक की नहीं, बल्कि मोटरसाइकिल चालक की लापरवाही के कारण हुई थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि ट्रक चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट नहीं था, जिससे बीमा नियमों का उल्लंघन हुआ।
हालांकि, न्यायाधिकरण ने बीमाकर्ता द्वारा प्रस्तुत इन दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके पास इन दावों को सिद्ध करने के लिए कोई ठोस साक्ष्य नहीं है। अपने निर्णय में न्यायाधिकरण ने ट्रक मालिक और बीमा कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिवार को मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया।