महाराष्ट्र के ठाणे जिले की मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने एक सफाईकर्मी की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में उसके परिवार को 22.37 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह दुर्घटना एक पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा चलाई गई कार से हुई थी।
MACT के सदस्य आर. वी. मोहिते ने 19 सितंबर को पारित आदेश में कहा कि यह दुर्घटना वाहन मालिक की लापरवाह और तेज रफ्तार ड्राइविंग का नतीजा थी। अधिकरण ने फ्यूचर जनरल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को पूरा मुआवजा देने और बाद में पूरी राशि वाहन मालिक से वसूलने का निर्देश दिया, क्योंकि दुर्घटना के समय चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।
पीड़ित रमेश कमलाकर मोरे (52), जो एक निजी कंपनी में क्लीनर थे, 21 जून 2021 को ग्राम विकास चौक के पास सड़क किनारे पैदल जा रहे थे, तभी कार ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल मोरे ने अगले दिन दम तोड़ दिया।

सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि कार पहले मौके से भाग गई थी, लेकिन बाद में वापस लौटी और चालक ने घायल को अस्पताल पहुँचाया। खारघर पुलिस ने चालक के खिलाफ आईपीसी की धारा 304(ए) (लापरवाही से मौत का कारण) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 3(1)/181 (बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना) के तहत चार्जशीट दाखिल की।
अधिकरण ने माना कि वाहन मालिक ने बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन किया क्योंकि उसके पास वैध व प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था। पीड़ित परिवार ने 46.70 लाख रुपये का दावा किया था, लेकिन आय और कानूनी दिशानिर्देशों के आधार पर अधिकरण ने 22.37 लाख रुपये का मुआवजा तय किया।
यह मुआवजा याचिका दाखिल करने की तारीख से भुगतान की तारीख तक 9% वार्षिक ब्याज के साथ दिया जाएगा।