ठाणे कोर्ट का फैसला: 2017 की चोरी के मामले में तीन दोषी करार, MCOCA के तहत सभी आरोपी बरी

ठाणे की एक विशेष अदालत ने 2017 में डोंबिवली में हुई चोरी के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है, लेकिन उनके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत लगाए गए गंभीर आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि मामले में संगठित अपराध का जरूरी तत्व साबित नहीं हो सका।

विशेष न्यायाधीश (MCOCA) वी.जी. मोहिटे ने राहुल मच्छिंद्र शिंदे (44) और दत्ता उमराव शिंदे (35) को भारतीय दंड संहिता की धारा 380 (घर में चोरी) के तहत दोषी पाते हुए पांच साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी अमित उर्फ़ प्रवीन प्रेमचंद बागरेचा (44) को धारा 411 (चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत दोषी ठहराते हुए 25 दिन की कठोर कैद की सजा दी गई।

18 जुलाई को पारित आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।

Video thumbnail

हालांकि, अदालत ने तीनों आरोपियों को MCOCA के साथ-साथ आईपीसी की धारा 395 (डकैती) और 397 (जानलेवा डकैती) के आरोपों से बरी कर दिया। न्यायाधीश मोहिटे ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि आरोपी किसी “हिंसा, धमकी, डर या दबाव” के माध्यम से संगठित अपराध में शामिल थे, जैसा कि MCOCA की धारा 2(1)(e) के तहत आवश्यक है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 3 मार्च 2017 की रात पुलिस की गश्ती टीम को डोंबिवली के चंद्रेश पार्क इलाके में चोरी की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचने पर पांच लोगों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने दत्ता शिंदे को पकड़ लिया, जिसके पास एक चोरी किया गया टेलीविजन और हथियार मिला। बाकी चार आरोपी मौके से फरार हो गए थे। बाद में अन्य दो आरोपियों को भी गिरफ्तार कर उनके पास से सोने के आभूषण बरामद किए गए।

शुरुआत में इन सभी पर डकैती और जानलेवा डकैती के आरोप लगाए गए थे, लेकिन अदालत ने पाया कि इन अपराधों के लिए जरूरी शर्तें पूरी नहीं हुईं। न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “किसी भी आरोपी ने न तो जानबूझकर चोट पहुंचाई और न ही किसी को डराया-धमकाया या रोका, जो कि इन गंभीर आरोपों के लिए जरूरी होता है।”

इस फैसले में अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अपराध तो हुआ, लेकिन वह न तो हिंसक था और न ही संगठित अपराध की श्रेणी में आता है।

READ ALSO  जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में WhatsApp को पक्षकार बनाया गया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles