तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को बड़ी राहत देते हुए तेलंगाना हाईकोर्ट ने गुरुवार को उनके खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत दर्ज एक आपराधिक मामला रद्द कर दिया।
यह प्राथमिकी वर्ष 2016 में गाचीबौली पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी, जिसमें रेवंत रेड्डी को आरोपी संख्या 3 (A-3) बनाया गया था। शिकायतकर्ता, जो एससी म्यूचुअली एडेड कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड से जुड़े थे, ने आरोप लगाया था कि रेवंत रेड्डी के उकसावे पर उनके भाई कोंडल रेड्डी और अन्य लोगों ने गोपनपल्ली गांव स्थित सोसायटी की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के उद्देश्य से जेसीबी मशीन से दो कमरे तोड़ दिए।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां कीं।

रेवंत रेड्डी ने 2020 में हाईकोर्ट का रुख करते हुए प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। उनके वकील ने दलील दी थी कि घटना के समय रेवंत रेड्डी मौके पर मौजूद ही नहीं थे और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई साक्ष्य नहीं है।
हाईकोर्ट ने पहले इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था और अब रेवंत रेड्डी की याचिका को स्वीकार करते हुए मामला रद्द कर दिया है। अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष रेवंत रेड्डी को घटना से जोड़ने के लिए कोई भी ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा।