तेलंगाना हाईकोर्ट का आदेश: जातीय भेदभाव के कारण धमकाए गए व्यक्ति को पुलिस सुरक्षा प्रदान करें

तेलंगाना हाईकोर्ट ने राज्य प्राधिकरणों को आदेश दिया है कि वे उस व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करें जिसे कथित रूप से एक भीड़ ने केवल इस आधार पर धमकाया कि उसने जातीय सीमाओं को लांघते हुए एक ब्यूटी पार्लर खोला। कोर्ट ने स्थानीय पुलिस को इस घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता फिरोज़ ख़ान ने हाईकोर्ट का रुख किया और बताया कि 21 जून 2025 को जब उन्होंने हैदराबाद के निकट विकाराबाद कस्बे में अपने पुरुषों और महिलाओं के लिए संयुक्त ब्यूटी पार्लर की शुरुआत की, तो लगभग 60-70 लोगों की भीड़ उनके प्रतिष्ठान में घुस आई और धमकाने लगी।

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ख़ान के अनुसार, उन लोगों ने कहा, “तुम मंगली (नाई समुदाय) नहीं हो, फिर भी सैलून कैसे चला सकते हो?” इस दौरान भीड़ ने अपशब्दों का प्रयोग किया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी, ताकि वह अपना कारोबार बंद कर दें।

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ख़ान ने कोर्ट को यह भी बताया कि उन्होंने उसी दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कोर्ट से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपने जीवनयापन के अधिकार की रक्षा की गुहार लगाई।

कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकारी वकील (गृह विभाग) द्वारा दी गई इस आश्वस्ति को रिकॉर्ड पर लिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और याचिकाकर्ता को बिना किसी हस्तक्षेप के अपना कारोबार जारी रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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अपने आदेश में हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि ब्यूटी पार्लर पर एक “पॉइंट बुक” रखा जाए और विकाराबाद टाउन पुलिस स्टेशन से एक मोबाइल पेट्रोलिंग वाहन हर तीन घंटे में व्यापारिक समय के दौरान स्थल का निरीक्षण करे, ताकि याचिकाकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित हो और व्यापार में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

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