पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 नियुक्तियों पर लगाई रोक

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में पश्चिम बंगाल के राज्य संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। यह फैसला पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा 2016 में की गई भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं के मद्देनज़र लिया गया है।

यह निर्णय 3 अप्रैल 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ द्वारा सुनाया गया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया “दूषित और दोषपूर्ण” थी, जिससे की गई सभी नियुक्तियां अवैध मानी जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया में की गई हेराफेरी ने नियुक्तियों की निष्पक्षता और वैधता को इस हद तक प्रभावित किया कि उन्हें कायम रखना असंभव हो गया।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा पर याचिका पर विचार करने से इनकार किया, इसे यातायात नियमन प्रशासनिक मामला बताया

यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट के अप्रैल 2024 के फैसले से जुड़ा है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में OMR शीट के साथ छेड़छाड़ और रैंक जंप जैसे गंभीर दोष पाए गए थे। हाईकोर्ट ने पाया था कि जहां सिर्फ 24,640 पदों के लिए भर्ती होनी थी, वहां कुल 25,753 नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए, जबकि आवेदन करने वालों की संख्या 23 लाख से अधिक थी।

Video thumbnail

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में यह भी निर्देश दिया कि इस दोषपूर्ण प्रक्रिया से नियुक्त सभी व्यक्तियों की सेवाएं समाप्त की जाएं। हालांकि, अदालत ने यह राहत दी कि अब तक इन कर्मचारियों को मिले वेतन और लाभ उन्हें वापस नहीं करने होंगे।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट की तेलंगाना को चेतावनी: हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास वन बहाल करो, नहीं तो अवमानना कार्रवाई झेलो

यह मामला कई पक्षों, जिनमें पश्चिम बंगाल सरकार भी शामिल थी, द्वारा हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इस पर विस्तृत सुनवाई 19 दिसंबर 2024 से शुरू हुई थी और 10 फरवरी 2025 को निर्णय सुरक्षित रखा गया था, जिसे अब सुनाया गया।

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच को भी आगे जारी रखने की अनुमति दी है। यह जांच मई 2024 में अदालत द्वारा मंजूरी दी गई थी और भविष्य में इसमें दोषी पाए गए व्यक्तियों पर और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

READ ALSO  उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नदी तल पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के लागू होने के साथ ही अब दोषपूर्ण तरीके से नियुक्त व्यक्तियों की सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। साथ ही, जो लोग अधिकृत रिक्तियों से बाहर या भर्ती की अंतिम तिथि के बाद नियुक्त हुए थे, उन्हें सभी वेतन और लाभ 12% ब्याज के साथ वापस करने होंगे, जैसा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles