सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) और जीएमआर ग्रुप की अन्य कंपनियों को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित एक विशाल फार्महाउस खाली करने का निर्देश दिया गया था। यह फार्महाउस वर्तमान में जीएमआर ग्रुप के चेयरमैन ग्रांधी मल्लिकार्जुन राव का आधिकारिक निवास है।
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजनिया की पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए DIAL की अपील पर नोटिस जारी किया और स्पष्ट किया कि फिलहाल हाईकोर्ट का 1 सितंबर का फैसला लागू नहीं होगा। अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।
पुष्पांजलि फार्म्स में स्थित यह फार्महाउस 3.81 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें 30,000 वर्ग फुट का आवास, लॉन, एक आउटहाउस और स्विमिंग पूल शामिल है। अप्रैल 2020 में 2.45 एकड़ क्षेत्र, जिसमें मुख्य मकान भी शामिल है, DIAL और जीएमआर से जुड़ी कंपनियों को 39.6 लाख रुपये मासिक किराए पर लीज पर दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 45.6 लाख रुपये किया गया। यह फार्महाउस जीएमआर चेयरमैन के आधिकारिक निवास के रूप में इस्तेमाल किया गया।

मई 2024 में संपत्ति के पूर्व मालिक इंडस सॉर उर्जा ने इसे 115 करोड़ रुपये में ओंकार इंफोटेक को बेच दिया। बिक्री के बाद, ओंकार ने जुलाई में किराया स्वीकार करने से इनकार करते हुए नोटिस भेजा और कब्जा वापस मांगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (DIAL की ओर से) ने दलील दी कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना पूरी सुनवाई के “सारांश निर्णय” पारित कर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि से जुड़े विवादों पर दीवानी अदालत में सुनवाई पर रोक है और हाईकोर्ट ने प्रक्रिया को शॉर्टकट कर दिया है।
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. सुंदरम और पी.एस. पटवालिया (ओंकार इंफोटेक की ओर से) ने तर्क दिया कि जमीन की वास्तविक उपयोगिता निर्णायक है। उन्होंने कहा कि भूमि भले ही कृषि दर्ज हो, लेकिन उसका इस्तेमाल एक लग्ज़री रेजिडेंस के रूप में किया जा रहा था। पटवालिया ने यह भी बताया कि राव ने पहले यह फार्महाउस खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन सौदा न होने पर ओंकार ने इसे खरीदा।
पीठ ने जब पूछा कि क्या जीएमआर समूह मकान खाली करने को तैयार है, तो सिंघवी ने कहा कि लीज मार्च 2028 तक बढ़ाई जा सकती थी और DIAL नियमित रूप से 60 लाख रुपये मासिक किराया दे रहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 सितंबर को दिए अपने फैसले में 2020 की लीज को पंजीकरण न होने के कारण अवैध ठहराया था। अदालत ने कहा था कि जीएमआर का कब्जा केवल मासिक किराएदारी तक सीमित था, जिसे ओंकार ने वैधानिक रूप से समाप्त कर दिया। हाईकोर्ट ने संपत्ति को लग्ज़री रेजिडेंस मानते हुए दिल्ली लैंड रिफॉर्म्स एक्ट को अप्रासंगिक बताया और DIAL व जीएमआर इकाइयों को फार्महाउस खाली करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस आदेश पर रोक लगाते हुए ओंकार इंफोटेक को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने और दो हफ्ते में प्रत्युत्तर दाखिल करने का समय दिया। अदालत ने कहा, “इस बीच, विवादित आदेश पर अंतरिम स्थगन रहेगा। मामले की सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।”