सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति से जुड़ी याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षकारों, जिनमें केंद्र सरकार और एनसीआर के राज्य भी शामिल थे, की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो एनसीआर राज्यों की ओर से पेश हुए, ने अदालत से आग्रह किया कि दिवाली, गुरु पर्व और क्रिसमस जैसे अवसरों पर ग्रीन पटाखों को बिना समय-सीमा की पाबंदी के फोड़ने की अनुमति दी जाए।

दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण के गंभीर स्तर को देखते हुए पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाए जाते रहे हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट का आने वाला फैसला न केवल पटाखा उद्योग बल्कि त्योहारों के दौरान लागू नियामक ढांचे पर भी महत्वपूर्ण असर डालेगा।