केंद्र सरकार ने जस्टिस एन.वी. अंजारिया, जस्टिस विजय विष्णोई और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को दी मंजूरी

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जस्टिस एन.वी. अंजारिया, जस्टिस विजय विष्णोई और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। इन तीनों की नियुक्ति के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय अपनी स्वीकृत अधिकतम 34 जजों की संख्या पर कार्य करेगा।

कानून और न्याय मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस नियुक्ति की जानकारी सोशल मीडिया मंच X पर साझा करते हुए लिखा—

“भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद श्रीमान जस्टिस (i) एन.वी. अंजारिया, मुख्य न्यायाधीश, कर्नाटक हाईकोर्ट, (ii) विजय विष्णोई, मुख्य न्यायाधीश, गुवाहाटी हाईकोर्ट और (iii) ए.एस. चंदुरकर, जज, बॉम्बे हाईकोर्ट को भारत के सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया है।”

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कॉलेजियम की सिफारिश और पृष्ठभूमि

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने, जिसकी अध्यक्षता वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई कर रहे हैं, 26 मई 2025 को हुई बैठक में इन तीन हाईकोर्ट जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति हेतु अनुशंसित किए थे।

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जस्टिस अंजारिया की मूल नियुक्ति गुजरात हाईकोर्ट से है और वे वर्तमान में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।
जस्टिस विजय विष्णोई राजस्थान हाईकोर्ट से संबद्ध हैं और इस समय गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।
वहीं, जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।

नव-नियुक्त जजों का परिचय

जस्टिस एन.वी. अंजारिया ने अगस्त 1988 में गुजरात हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता एस.एन. शेलट के अधीन वकालत शुरू की थी। वे संवैधानिक, सिविल, श्रम और सेवा मामलों में विशेषज्ञ रहे हैं और कई सरकारी विभागों के लिए स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया। उन्हें 21 नवंबर 2011 को गुजरात हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 6 सितंबर 2013 को स्थायी जज बने। उन्होंने 25 फरवरी 2024 को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

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जस्टिस विजय विष्णोई ने 8 जुलाई 1989 को अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट और केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, जोधपुर में प्रैक्टिस की। वे नागरिक, आपराधिक, संवैधानिक, सेवा और चुनाव मामलों में विशेषज्ञ रहे हैं। वर्ष 2000 से 2004 तक वे भारत सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता रहे। 8 जनवरी 2013 को राजस्थान हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज नियुक्त हुए और 7 जनवरी 2015 को स्थायी जज बने। 5 फरवरी 2024 को उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया।

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जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर ने 21 जुलाई 1988 को अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया और मुंबई में वरिष्ठ अधिवक्ता बी.एन. नाइक के चेंबर में काम करना शुरू किया। 1992 में वे नागपुर चले गए और वहां विभिन्न अदालतों में प्रैक्टिस की। उन्हें 21 जून 2013 को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

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