सुप्रीम कोर्ट ने पटना (बिहार) में बंदूक की नोक पर ज़मीन हड़पने के मामले में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की और उन्हें “गुंडे” करार दिया।
न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने आरोपियों — ललित मोहन राय और ललित राय — के वकील से कहा, “आपके मुवक्किल तो गुंडे लगते हैं। यह तो नियमित जमानत का मामला भी नहीं है।”
पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पटना हाईकोर्ट के 2 मई, 2025 के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने उस आदेश में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

प्रकरण के अनुसार, पटना जिले के कनौली गांव निवासी आरोपियों ने कथित तौर पर एक व्यक्ति को 30 अक्टूबर, 2023 को बंदूक दिखाकर पटना के रजिस्ट्री कार्यालय ले जाकर लगभग 60 कट्ठा भूमि का फर्जी बैनामा अपने नाम जबरन करवा लिया था।
पीड़ित ने इस घटना की शिकायत 26 नवंबर, 2023 को गांधी मैदान थाना में दर्ज कराई थी।
जब बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि एक सह-आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत दी है, तो न्यायमूर्ति पारदीवाला ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “कृपया सुबह-सुबह कोर्ट का माहौल मत बिगाड़िए।”
सुप्रीम कोर्ट की यह सख्ती और तीखी टिप्पणी जमीन से जुड़े आपराधिक मामलों और जबरन कब्जे की घटनाओं को लेकर स्पष्ट संदेश देती है कि ऐसे गंभीर आरोपों पर राहत नहीं दी जाएगी।